swamitva yojana 2020: पीएम मोदी ने की स्वामित्व योजना की शुरुआत, जानें- इस योजना के बारे में, ग्रामीणों को क्या होगा लाभ
swamitva yojana 2020 इस योजना के जरिए ड्रोन सर्वे तकनीक की सहायता से गांव के आबादी वाले क्षेत्रों का सीमांकन किया जाएगा। इससे गांवों में जमीन के कानूनी झगड़े कम करने में मदद मिलेगी। पीएम मोदी आज पहले चरण की शुरूआत की।
नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्वामित्व योजना की शुरुआत की। ग्रामीण भारत के लिए यह बदलाव लाने वाला कदम होगा। सरकार के इस कदम से चार साल में करीब 6.62 गांवों को फायदा मिलेगा। स्वामित्व योजना प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायत दिवस को लाया गया था। इस योजना के तहत ग्रामीण भारत में संपत्ति से जुड़े मामलों के वैध समाधान का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस योजना के जरिए ड्रोन सर्वे तकनीक की सहायता से गांव के आबादी वाले क्षेत्रों का सीमांकन किया जाएगा। इससे गांवों में जमीन के कानूनी झगड़े कम करने में मदद मिलेगी।
क्या है स्वामित्व योजना
केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय की ओर से शुरू की गई यह एक खास योजना है। इसके बारे में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस, 24 अप्रैल, 2020 को घोषणा की थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को 'रेकॉर्ड ऑफ राइट्स' देने के लिए संपत्ति कार्ड का वितरण किया जाना है। इस योजना का क्रियान्वयन 4 वर्ष में चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा। इसे 2020 से 2024 के बीच पूरा किया जाना है और देश के 6.62 लाख गांवों को कवर किया जाना है।
कैसे लागू होगी स्वामित्व योजना
स्वामित्व योजना केंद्र सरकार की योजना है। इस लागू करने के लिए नोडल एजेंसी पंचायती राज मंत्रालय है। राज्यों में इसे लागू करने के लिए राजस्व विभाग या लैंड रिकॉर्ड्स डिपार्टमेंट को नोडल विभाग बनाया गया है जो राज्य के पंचायती राज्य विभाग के सहयोग से इस योजना को लागू करेगा। इस योजना को लागू करने में सर्वे ऑफ इंडिया तकनीकी सहयोगी के रूप में कार्य करेगा।
जानें- क्या है स्वामित्व योजना के लाभ
इस योजना के तहत ड्रोन सर्वे तकनीक की सहायता से गांव के आबादी वाले क्षेत्रों का सीमांकन किया जाएगा। इससे गांव में रहने वाले लोगों को अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड्स ऑफ राइट्स हासिल होगा। इन रिकॉर्ड्स के जरिए वे अपनी संपत्ति का वित्तीय रुप में इस्तेमाल कर सकेंगे और बैंक से कर्ज या अन्य वित्तीय सुविधाएं लेने में कर सकते हैं। इस योजना से ग्रामीण योजना के लिए जमीन के सटीक आंकड़े मिलेंगे और प्रॉपर्टी टैक्स के आकलन में सरकार को मदद मिलेगी। इसके अलावा इससे जमीन से जुड़े कानूनी झगड़े कम करने में मदद मिलेगी।
ऐसे डाउनलोड कर सकेंगे जमीन के कागजात
पीएमओ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक योजना के तहत 1.32 लाख लोगों को अपनी जमीन के कागज एक एसएमएस लिंक के जरिए डाउनलोड कर सकेंगे। पहले चरण में योजना का लाभ छह राज्यों के 763 गांवों को मिलेगा. इसमें 346 गांव उत्तर प्रदेश, 221 हरियाणा, 100 महाराष्ट्र, 44 मध्य प्रदेश, 50 उत्तराखण्ड और 2 कर्नाटक से हैं. महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों को एक दिन के भीतर उनके जमीन के कागजात डाउनलोड करने के लिए एसएमएस लिंक एक दिन के भीतर भेज दिया जाएगा। महाराष्ट्र में प्रॉपर्टी कार्ड पर शुल्क रखा गया है, इसलिए वहां इसमें एक महीने तक का समय लग सकता है।
अभी आवासीय संपत्ति के मालिकाना हक का रिकॉर्ड नहीं
गांव की खेती की जमीन का रिकॉर्ड खसरा-खतौनी में तो होता है। लेकिन, गांवों की आवासीय संपत्ति का मालिकाना हक के आधार पर कोई रिकॉर्ड नहीं है। इस स्कीम के जरिए यह हर आवासीय संपत्ति की पैमाइश कर मालिकाना हक सुनिश्चित किया जाएगा।