कोरोना वायरस से बचाव को जानें आपके घर में कैसा हो खान-पान
लॉकडाउन में लोग घरों में बंद हैं। सबके रूटीन में बदलाव आया है। ऐसे में एक अहम सवाल है कि घर पर खान-पान को किस प्रकार से मैनेज करें।
नई दिल्ली। कोरोना के चलते देश में घोषित लॉकडाउन सबके लिए एक नया अनुभव है। लोग घरों में बंद हैं। तनाव भी है। सबके रूटीन में बदलाव आया है। ऐसे में एक अहम सवाल है कि घर पर खान-पान को किस प्रकार से मैनेज करें। कुछ ऐसे लोग हैं, जो समझते हैं कि खाने-पीने में समय गुजार कर तनाव को थोड़ा कम करें। वहीं वैसे लोगों की भी कमी नहीं, जो सामान्य भोजन से भी परहेज करना चाहते हैं। खाना ही नहीं चाहते हैं। तो आइए, जानते हैं कुछ जरूरी बातें जो आपके लिए मददगार हो सकती हैं।
बिंघटम यूनिवर्सिटी में हेल्थ एंड वेलनेस स्टडीज विभाग की प्राध्यापक जेनिफर वैगमैन कहती हैं कि तनाव की स्थिति में सबसे अहम जरूरी है-खुद की देखभाल। खुद की देखभाल से उनका मतलब किसी और चीज से नहीं, बल्कि एक्सरसाइज, नींद और खान-पान से है। सीबीटी ट्रीटमेंट सेंटर एंड में लाइट ऑन एनक्सिटी की मुख्य कार्यकारी तथा डिप्रेशन एसोसिएशन ऑफ अमेरिका की सदस्य देब्रा किस्सेन भी कहती हैं कि चिंता या व्यग्रता में तो अधिकांश लोग खाना ही छोड़ देते हैं। लेकिन यह आदत आपके लिए खतरनाक है और लंबे समय तक आप ऐसा नहीं कर सकते।जबकि इसके उलट ऐसा भी होता है कि जब आप घर में सेल्फ आइसोलेशन में होते हैं तो अपनी प्रिय खाद्य वस्तुओं का खूब संग्रह कर लेते हैं। साथ ही फिलहाल जो लोग घर से काम कर रहे हैं, उनके लिए बार-बार किचन में जाना आसान हो गया है, जिससे वे ज्यादा खाने लगे हैं।
खान-पान पर असर को जानें वैगमैन कहती हैं कि तनाव और चिंता का हम पर तथा खान-पान पर क्या असर डाल रहा है, इसकी पहचान हालात से निपटने का पहला कदम है। जैसे ही यह एहसास हो जाए कि हम परेशान हैं तो यह देखना शुरू कर देना चाहिए कि तनाव हमारे व्यवहार में किस प्रकार का बदलाव ला रहा है। यदि आप स्वस्थ रहे हैं तो हो सकता है कि थोड़े समय के लिए कम या ज्यादा खाने से कोई बड़ा फर्क नहीं पड़े। लेकिन यदि यह स्थिति जारी रहती है तो बेहतर है कि एक संतुलन बनाया जाए।
फिर क्या करें...
केली के मुताबिक, यदि लोग चिंता या तनाव महसूस करते हैं तो अच्छा है कि समय बीतने दें। जिन्हें लगता है कि बहुत ज्यादा स्नैक्स पर जोर दे रहे हैं तो समय गुजारने के लिए कुछ और करना चाहिए। लेकिन जो लोग बहुत ही कम खाते हैं, उनके लिए सलाह है कि पसंद की कुछ चीजों का चयन करें या प्रोटीन शेक जैसे कैलोरी रिच ड्रिंक आजमाएं। लेकिन ऐसा एक-दो दिन ही हो। दूसरी ओर, यदि आप ज्यादा खा रहे हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आप जो खा रहे हैं, उनमें सिर्फ डिब्बाबंद स्नैक्स ही न हों, बल्कि उस पसंद में फल और सब्जियों का भी समावेश हो
खाना भूलते हों तो ये करें...
दूसरी ओर, यदि आप खाना भूल जाते हैं या जब ज्यादा भूखे होते हैंतो बहुत ज्यादा खा लेते हैं तो जिस प्रकार से अन्य कामों के लिए आप कैलेंडर बनाते हैं तो उसी में खाने को भी शामिल कर सकते हैं या फिर खाने या पानी पीने के लिए अलार्म सेट करें। ध्यान रहे कि खुद की देखभाल से आप अपने खाने का आनंद उठा सकते हैं। यह समय ऐसा नहीं है कि आप ज्यादा खाकर उसे पचाने की चिंता कर अपना तनाव बढ़ाएं या खाना ही छोड़ दें। इन उपायों के जरिए आप तनाव कम कर फिर से सामान्य
जब तनाव में होते हैं तो...
ऐसे में रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक मैकेंजी कैली कहती हैं, जब हम तनाव में होते हैं तो हमारे शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल का स्नाव होता है। अधिक इंसुलिन भी बनता है, जिसका असर कार्बोहाइड्रेट तथा फैट्स के चयापचय (मेटाबॉलिज्म) पर पड़ता है। जब ये कारक सक्रिय होते हैं तो यह खान-पान की चीजों के चयन पर भी असर डालते हैं। इसमें ज्यादा कार्बोहाइड्रेट तथा उच्च वसा वाली चीजें अधिक पसंद आती हैं। इससे बढ़े हुए कॉर्टिसोल तथा इंसुलिन का असर धीमा हो जाता है और स्ट्रेस रेस्पांस बंद हो जाता है। लेकिन इस तरह के खान-पान से जब आपको कोई परेशानी नहीं होती है तो आप वही चीजें आगे भी खाते रहते हैं और आपको तनाव कम होने का फायदा नहीं मिलता है।