जानें छत्तीसगढ़ का एक ऐसा गांव, जहां टापर छात्रों को कराई जाती है हवाई यात्रा
ढ़ाई के प्रति रुचि जगाने और प्रतिस्पर्धा की भावना के विकास के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर यूं तो कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का नवाचार अलग ही है। गांव में 10वीं और 12वीं में टाप करने वाले छात्रों को हवाई यात्रा कराई जाती है।
वेद प्रकाश मिश्रा, कांकेर। पढ़ाई के प्रति रुचि जगाने और प्रतिस्पर्धा की भावना के विकास के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर यूं तो कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का मुसुरपुट्टा का नवाचार अलग ही है। गांव में 10वीं और 12वीं में टाप करने वाले छात्रों को हवाई यात्रा कराई जाती है। इसके तहत देश के विभिन्न ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जाता है। ग्राम पंचायत की इस अनूठी पहल से गांव में शिक्षा के स्तर में काफी सुधार हुआ है। कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से हवाई यात्रा नहीं कराई जा सकी है, लेकिन गांव में ही सम्मान समारोह का आयोजन कर ऐसे विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। इस साल गत वर्ष की परीक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक अंक पाने गांव के 35 छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। साथ ही, घोषणा की गई कि इस साल टाप करने वाले को सिंगापुर जाने का अवसर दिया जाएगा।
कांकेर में छात्रों में प्रतिस्पर्धा व पढ़ाई की भावना को बढ़ाने को ग्रामवासियों की सराहनीय पहल
गांव मुसुरपुट्टा में टापर विद्यार्थियों के सम्मान की पहल की शुरुआत 2008 में हुई थी। 2013 से हवाई यात्रा कराई जाने लगी। अब तक गांव के होनहार छात्रों को दिल्ली, मुंबई, नेपाल, भूटान, सिक्किम, वैष्णो देवी मंदिर, श्रीनगर, हैदराबाद, अहमदाबाद, उज्जैन, हरिद्वार, बेंगलुरु, अटारी सीमा, कन्याकुमारी, रामेश्वरम, तिरुपति, शिर्डी सिंगनापुर आदि की यात्रा कराई जा चुकी है। गांव के छात्रों की शिक्षा को सही दिशा व मार्गदर्शन देने के लिए कर्मचारी-अधिकारी प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया है। इसमें 100 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इनमें एसडीएम, कार्यपालन अभियंता, प्राचार्य, सब-इंस्पेक्टर, व्याख्याता, इंजीनियर, शिक्षक, सेना के जवान आदि शामिल हैं। इसमें गांव के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों का भी विशेष योगदान रहता है।
गांव के देवकरण भास्कर और धनराज भास्कर ने बताया कि शुरुआत में पांचवीं, आठवीं, 10वीं और 12वीं के टापर छात्रों का सम्मान कर पुरस्कृत किया जाता था। 2013 से निर्णय लिया गया कि विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाने के लिए और उनके बौद्धिक विकास के लिए उन्हें ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों का भ्रमण हवाई यात्रा के माध्यम से कराया जाए। इसके बाद से हर वर्ष गांव के 10वीं और 12वीं में सबसे अधिक अंक हासिल करने वाले एक-एक विद्यार्थी को निशुल्क हवाई यात्रा कराई जाती है। उनके साथ गांव के अन्य लोग भी अपने खर्च पर भ्रमण करने जाते हैं।
परीक्षा परिणाम पर दिखा असर
ग्राम पंचायत मुसुरपुट्टा में छात्रों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए की गई पहल का असर परीक्षा परिणाम पर भी दिखाई देता है। गांव में इस पहल के बाद 2008-09 में 10वीं में इंदू मरकाम 50 प्रतिशत और 12वीं में अरविंद भारती 64 प्रतिशत अंक के साथ टापर रहे। 2009-10 में 10वीं में तेजांशू साहू को 76 प्रतिशत अंक और 12वीं में जागृति साहू को 76 प्रतिशत अंक, 2010-11 में 10वीं में वीरेंद्र कुमार साहू को 50 प्रतिशत अंक और 12वीं में इंदू मरकाम को 61 प्रतिशत अंक मिले।
2011-12 में 10वीं में रमाकांत नेताम को 66 प्रतिशत अंक और 12वीं में तेजांशू साहू को 86 प्रतिशत अंक, 2012-13 में 10वीं में भूपेंद्री साहू को 75 प्रतिशत अंक और 12वीं में आशुतोष चंद्रवंशी को 61 प्रतिशत अंक, 2013-14 में 10वीं में उर्मिला निषाद को 75 प्रतिशत अंक और 12वीं में पूनम निषाद को 63 प्रतिशत अंक, 2014-15 में 10वीं में नीलम साहू को 63 प्रतिशत अंक और 12वीं में भूपेंद्री साहू को 70 प्रतिशत अंक मिले। अंक प्रतिशत में 2015-16 में बड़ा उछाल आया, जब 10वीं में तुलसी निषाद को 91 प्रतिशत अंक और 12वीं में उपेंद्र कुमार साहू को 85 प्रतिशत अंक मिले।
2019-20 में 10वीं में प्रतिभा यादव को 81.8 प्रतिशत अंक और 12वीं में दीपिका भास्कर को 81.4 प्रतिशत अंक तथा 2020-21 में 10वीं में खुशबू साहू को 97 प्रतिशत अंक और 12वीं में जानकी अरकरा को 90.4 प्रतिशत अंक पाने पर हवाई यात्रा कराई गई।