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लेकसिटी उदयपुर में महिला लोक सेवकों आनंदी, अंजलि, स्वाति, शिखा, प्रज्ञा ने प्रस्तुत किया आदर्श

उदयपुर, राजस्थान में सुशासन की सुखद बयार बहा रहीं तेजतर्रार महिला अधिकारियों की कर्तव्यनिष्ठा, सूझबूझ और लोकसेवा के प्रति उनके समर्पित दृष्टिकोण का आज यहां का हर जिलावासी कायल है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 12:11 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 12:13 PM (IST)
लेकसिटी उदयपुर में महिला लोक सेवकों आनंदी, अंजलि, स्वाति, शिखा, प्रज्ञा ने प्रस्तुत किया आदर्श
लेकसिटी उदयपुर में महिला लोक सेवकों आनंदी, अंजलि, स्वाति, शिखा, प्रज्ञा ने प्रस्तुत किया आदर्श

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। लोक प्रशासन आधुनिक जीवन की आशा और अच्छी जिंदगी का साधन है। किसी देश का संविधान कितना ही श्रेष्ठ हो, मंत्रीगण कितने ही योग्य हों, बिना दक्ष लोक सेवकों के लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता। गर्भस्थ शिशु की देखभाल (टीकाकरण व अन्य स्वास्थ्य जांच) से लेकर सुरक्षित प्रसव, शिक्षा और रोजगार की व्यवस्था करने तक लोक प्रशासन पग-पग पर लोक सेवा का माध्यम है। समाज की निर्भरता प्रशासन पर निरंतर बढ़ती जा रही है। प्रशासन पर दबाव भी उसी अनुपात में बढ़ रहा है। इस दबाव को चुनौती के रूप में स्वीकार करने वाले ऐसे ही कर्तव्यनिष्ठ लोक सेवकों के कार्यों की बानगी।

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उदयपुर, राजस्थान में सुशासन की सुखद बयार बहा रहीं तेजतर्रार महिला अधिकारियों की कर्तव्यनिष्ठा, सूझबूझ और लोकसेवा के प्रति उनके समर्पित दृष्टिकोण का आज यहां का हर जिलावासी कायल है। जिलाधिकारी आनंदी (आइएएस, भारतीय प्रशासनिक सेवा), निगमायुक्तअंजलि (आइएएस), वाणिज्यकर उपायुक्त प्रज्ञा (आइआरएस, भारतीय राजस्व सेवा), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्वाति (आरपीएस, राजस्थान पुलिस सेवा) और उप निदेशक पर्यटन शिखा (आरएएस,राजस्थान प्रशा. सेवा)। ये सभी महिला अधिकारी सुशासन को लेकर किए जा रहे सकारात्मक उपायों के लिए चर्चा में आ रही हैं। बतौर लोकसेवक इनके व्यापक प्रयास आशाजनक परिणामों के रूप में सामने भी आए हैं।

चर्चा में यूं ही नहीं
जिला कलक्टर आनंदी जिले के आदिवासी बहुल उपखंड कोटड़ा और झाड़ोल में जल्द ही ऐसी वैन शुरू करने जा रही हैं, जो आदिवासियों के द्वार तक पहुंचकर उन्हें जन सेवाएं प्रदान करेगी। यह ताजा खबर बानगी मात्र है। अंजलि राजोरिया ने उपखंड अधिकारी रहते हुए खनन माफिया को काबू करने का सफलतम प्रयास किया, यह उनके तेवरों की बानगी है। उनके ऊपर ट्रक चढ़ाने की कोशिश हुई, लेकिन डरी नहीं। वहीं, बेखौफ पुलिस अधिकारी स्वाति शर्मा अपराधियों के लिए खौफ का दूसरा नाम हैं। पर्यटन उप निदेशक शिखा सक्सेना और वाणिज्य कर उपायुक्तप्रज्ञा केवलरमानी के हिस्से में भी सफलतम परिणाम दर्ज हैं। प्रज्ञा ने जीएसटी को क्रियान्वयन के लिए कारगर जागरूकता अभियान चलाया।

शिखा ने उदयपुर टूरिज्म को अपराधमुक्त और भयमुक्त बनाने के लिए उल्लेखनीय काम किया। उदयपुर जिले में भी पहली बार ऐसा मौका आया है जहां महिलाओं को प्रमुख पदों पर नियुक्तिमिली है। उन्होंने खुद को साबित भी कर दिखाया है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि सभी महिला लोक सेवक उदयपुर की इन महिला अधिकारियों की तरह ही आदर्श हैं। उत्तर प्रदेश में खनन माफिया को संरक्षण देने के कारण सीबीआइ जांच का सामना कर रहीं आइएएस चंद्रकला जैसे अपवाद भी हैं, जिन्हें सबक सीखने की जरूरत है।

जिला कलक्टर आनंदी
उदयपुर में पहली बार महिला जिला कलक्टर का गौरव हासिल करने वाली आइएएस आनंदी ने यहां आते ही आदिवासियों की समस्या पर गौर किया और उनकी बेहतरी के लिए जुट गईं। अब आदिवासियों को अपने काम के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। वह आदिवासियों को शासन-प्रशासन से जुड़ी हर नागरिक सेवा उनके द्वार पर उपलब्ध कराने जा रही हैं। यह सेवा एक फरवरी से शुरू होगी। इसके लिए उन्होंने दो विशेष वैन तैयार कराई हैं, जिनमें प्रशासनिक एवं अन्य विभागीय अधिकारियों को आदिवासियों के गांव-गांव, ढाणी-ढाणी भेजेंगी। अब पिछड़ी ग्रामीण जनता के वे काम उनके घर पर भी हो जाएंगे, जिसके लिए अब तक जिला मुख्यालय तक जाना पड़ता था। आनंदी 2007 बैच की आइएएस अधिकारी हैं तथा कानून की भी जानकार हैं। उन्होंने दिल्ली विवि से एलएलबी की डिग्री हासिल की। तमिलनाडु मूल की आनंदी उदयपुर से पहले राजसमंद, सवाई माधोपुर तथा बूंदी की जिला कलक्टर रह चुकी हैं।

आइएएस अंजलि
आइएएस अंजलि राजोरिया राजस्थान मूल की हैं और यहां नगर निगम में आयुक्त हैं। इससे पहले भी उदयपुर में गोगुंदा में उपखंड अधिकारी रही थी। जहां वह खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चर्चित रहीं। गोगुंदा प्रधान के पिता के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई की। जिसके बाद उनका तबादला अजमेर कर दिया गया। इसी माह उदयपुर में नियुक्त अंजलि राजोरिया ने स्मार्ट सिटी उदयपुर के लिए काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह उदयपुर के हैरिटेज को बरकरार रखते हुए यहां का विकास कराएंगी। उन्होंने यहां की हैरिटेज संपदा को बचाए रखने के लिए विशेष योजना भी बनाई है। आयड़ नदी के सौंदर्यीकरण और सीवरेज काम में गति को लेकर शहरवासियों को उनसे खासी आस है।

आइआरएस प्रज्ञा
आइआरएस अधिकारी प्रज्ञा केवलरमानी यहां लंबे समय से पदस्थत हैं, लेकिन साल 2014 में पहली बार वाणिज्यकर विभाग में वे उपयुक्त बनीं। जीएसटी लागू होने के बाद उदयपुर में उन्होंने जो जागरूकता कार्यक्रम चलाए, उसने जनता को राहत पहुंचाई और वह सुर्खियों में आ गईं। उन्होंने उदयपुर चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री और स्थानीय व्यापारियों के बीच जाकर जीएसटी के प्रति जागरूकता का अभियान छेड़ा। जिसका परिणाम है कि उदयपुर में जीएसटी को लेकर व्यापारियों में समझ बढ़ी। साथ ही वे विभाग की पहली महिला अधिकारी भी हैं, जिन्होंने अंतर राज्यीय व्यापार को लेकर भी ई-बिल प्रणाली को लागू कराने के लिए रुचि दर्शाई।

आरपीएस स्वाति
उदयपुर में पहली महिला अतिरिक्तपुलिस अधीक्षक होने का गौरव पाने वाली अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्वाति शर्मा अपराधियों के बीच खौफ का दूसरा नाम हैं। उदयपुर पश्चिम का जिम्मा संभाल रहीं आरपीएस स्वाति साल 2011 में सेवा में आईं। इससे पहले वह बाली, जयपुर कमिश्नरेट, जोधपुर कमिश्नरेट के अलावा उपाधीक्षक उदयपुर पश्चिम का काम देख चुकी हैं। वे कहती हैं कि पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय मिले, इसके लिए पूरे मन से काम करती हैं। साथ ही उन्होंने उदयपुर के पर्यटन अपराध को खत्म करने का जिम्मा लिया है। वे चाहती हैं कि उदयपुर से पर्यटक खुशियां लेकर जाएं।

आरएएस शिखा
पर्यटन विभाग में उप निदेशक पद पर सेवारत शिखा सक्सेना सितंबर 2018 से उदयुर में नियुक्त हैं। उदयपुर मूल की होने के चलते वह पर्यटकों की परेशानी से वाकिफ हैं। कहती हैं, पर्यटक जब यहां की जमीं पर पैर रखता है तो उसे सबसे पहले ऑटो चालक परेशान करते हैं। उनकीइस लपकागिरी (वसूली) के चलते पर्यटकों को परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्होंने उदयपुर को लपकामुक्तशहर बनाने की ठानी है। प्रमुख चौराहों पर सभी पर्यटन स्थलों की तमाम जानकारियां मिलेंगी। उनकी योजना है कि यहां हवाई अड्डे, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर उतरते ही बाहरी पर्यटक को सभी जानकारियां और सुविधाएं मुहैया करा दी जाएं। पर्यटकों की सुविधा को लेकर पुलिस भी उनके कार्य में मदद कर रही है।

ये भी कर रहीं बेहतर
इसके अलावा उदयपुर में अन्य महिला अधिकारी भी अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर काम करके दिखा रही हैं। इनमें प्रियंका जोधावत, कविता पाठक, तरु सुराणा, हरिणी वी, प्रभा गौतम, रानू शर्मा और माधुरी वर्मा शामिल हैं। प्रियंका यहां महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में जुलाई 2016 से सेवारत हैं। इसी तरह कवित पाठक फरवरी 2014 से डीआइजी स्टांप का काम संभाल रही हैं। उन्होंने आते ही रजिस्ट्री कराने वालों को दलालों से मुक्तकराने का अभियान छेड़ा था। तरुसुराणा महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक हैं, जिनके प्रयासों से जिले में नाबालिगों के काम कराए जाने तथा उनके शिक्षा एवं स्वास्थ्य के काम में तेजी आई। आरपीएस रानू शर्मा पुलिस उपाधीक्षक रह चुकी हैं और फिलहाल यहां एटीएस में एडिशनल एसपी हैं। इसी तरह माधुरी वर्मा भी पुलिस विभाग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महिला परामर्श केंद्र पर तैनात हैं और वह भी महिला अपराधों की रोकथाम के लिए सक्रिय हैं। जबकि प्रभा गौतम यहां स्वायत्त शासन विभाग में क्षेत्रीय उप निदेशक हैं।


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