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जानें- आखिर क्‍या एवियन इंफ्लूएंजा और इंसानों को इससे संक्रमित होने का कितना है खतरा

कुछ‍ दिनों से भारत में लगातार पक्षियों के अचानक मरने की घटना कई राज्‍यों में सामने आई है। इससे लोगों में भी कुछ हद तक दहशत है और ये सवाल भी है कि ऐसा क्‍यों हो रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 07:39 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 12:19 PM (IST)
क्‍यों और कैसे फैलता है बर्ड फ्लू

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। देश के कुछ राज्‍यों में अचानक पक्षियों की मौत के बाद लोगों के मन में ये सवाल जरूर उठ रहा है कि ऐसा क्‍यों हो रहा है। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि जिस कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को पिछले वर्ष चपेट में लिया था उससे अब तक दुनिया जूझ रही है। वहीं डर इस वजह से भी है क्‍योंकि कोरोना वायरस के पक्षियों से फैलने की ही आशंका जताई गई थी। बहरहाल, आपको बता दें कि जिस वजह से पक्षियों की मौत हो रही है उसका कारण बर्ड फ्लू वायरस है। हालांकि जानकारों की राय में पक्षियों से इंसान या इंसान से पक्षियों में बर्ड फ्लू होने की गुंजाइश काफी कम होती है। हालांकि इसके बाद भी विशेषज्ञ इस बात को लेकर एक राय रखते हैं कि लोगों को इसके प्रति सावधान रहना चाहिए। इससे बचाव का यही एक बेहतर विकल्‍प है। बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लूएंजा पक्षियों के मल, लार या संक्रमित पक्षी के स्‍नाव के जरिए इंसानों में फैलने के आशंका बनी रहती है। राष्ट्रीय राजधानी व आसपास के इलाकों में इसको देखते हुए अलर्ट घोषित किया गया है।

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पोल्‍ट्री क्षेत्र से जुड़े लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत

विशेषज्ञों की राय में बर्ड फ्लू से संक्रमित होने का सबसे अधिक खतरा उन लोगों को है जो मुर्गे या बत्‍तख जैसे पक्षियों के कारोबार से जुड़े होते हैं। हालांकि यदि ये लोग पूरी एहतियात बरतें तो इससे बचा जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि बत्‍तख और हंस जैसे पक्षियों की कुछ प्रजातियों को इस वायरस के फैलाव का सबसे बड़ा माना गया है। अपने मल के जरिये ये पक्षी इस रोग का प्रसार करते हैं। विशेषज्ञों में मुताबिक पोल्‍ट्री फार्म से जुड़े लोगों को ऐसे में हाथों में दस्‍तानों का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा उस जगह पर साफ-सफाई का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए। यदि ऐसा किया जाए तो बर्ड फ्लू के खतरे को टाला जा सकता है। विशेषज्ञ ये भी मानते हैं कि यदि किसी को अपने आसपास कोई जानवर या पक्षी मरा हुआ दिखाई दे तो उसकी सूचना तुरंत स्‍थानीय अधिकारियों को दें। गौरतलब है कि अमेरिकी बर्ड फ्लू से इंसान भी संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन ऐसा तभी होता है जब हवा में इस वायरस की मौजूदगी होती है। ऐसे में यदि इंसान सांस लेता है तो ये वायरस नाक, मुंह और आंख के माध्‍यम से इंसानी शरीर में प्रवेश कर सकता है।

इंसान से इंसान में फैलना सामान्‍य नहीं

जानकारों की राय में बर्ड फ्लू के इंसान से इंसान में फैलना सामान्‍य नहीं है। इनके मुताबिक ऐसे लोग जो पक्षियों के बीच रहते हैं या उनका किसी न किसी रूप में सेवन करते हैं उन्‍हें इसका खतरा अधिक होता है। इसलिए ये जरूरी है कि पक्षियों से दूरी बनाकर रखी जाए और संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने के बाद हाथों को अच्‍छे से साफ कर लिया जाए। ऐसा न करने पर यदि व्‍यक्ति अपनी नाक, आंख और मुंह को छूता है तो वो संक्रमित हो सकता है। जानकारों की राय में कोई भी पक्षी मल त्‍याग करते समय इस वायरस का प्रसार कर सकता है। ऐसे में दूसरे पक्षी संक्रमित हो सकते हैं। संक्रमित पक्षियों की लार, मल और बलगम में ये वायरस होता है। आपको यहां पर ये भी बतादें कि उड़ता हुआ कोई पक्षी जब अपने पंख फड़फड़ाता है तो इससे ये वायरस हवा में फैल जाता है। वहीं पक्षी जब अपने पंजों से मिट्टी को कुरेदते हैं तब भी वो इस वायरस को हवा में फैला देते हैं। जानकारों की राय में सभी एवियन इंफ्लूएंजा वायरस इंसानों को संक्रमित नहीं कर पाते हैं। वहीं कुछ ऐसे हैं जिनसे इंसान प्रभावित हो सकता है। एवियन इंफ्लूएंजा एच5एन8 वायरस इन्‍हीं में से एक है।

इन्‍हें बचाव की जरूरत 

गर्भवती महिलाओं, दो वर्ष से अधिक उम्र के बच्‍चों से लेकर 65 वर्ष से अधिक आयु वाले व्‍यक्ति को इससे बचाव की सख्‍त जरूरत है। इसका संक्रमण होने पर बुखार खांसी गले में दर्द, सर्दी-जुकाम मांसपेशियों व शरीर में दर्द, थकान, सिरदर्द और सांस लेने में परेशानी, आदि जैसी समस्‍या हो सकती हैं। भारत में अब तक राजस्‍थान, केरल,हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात मध्‍य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इस बर्ड फ्लू की पुष्टि की जा चुकी है। ।


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