'अस्त्र' का वार है घातक, चीन से खतरे के मद्देनजर भारत कर रहा अपनी स्थिति मजबूत
उत्तरी सीमा पर चीन के दुस्साहस को देखते हुए भारत जमीन और आसमान में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है। अस्त्र मिसाइल इसका ही एक जरिया है।
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। चीन से बढ़ते खतरे के मद्देनजर भारत लगातार अपनी स्थिति क्षेत्र में मजबूत करने में लगा है। इसके लिए भारत ने सीमा पर मिसाइलों की तैनाती भी कर दी है। अब चीन के किसी भी दुस्साहस को करारा जवाब देने के लिए और उससे होने वाले संभावित खतरे के मद्देनजर भारत अपने लड़ाकू विमानों को अस्त्र मिसाइल की ताकत से लैस करना चाहता है। ये मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से निर्मित है। आपको बता दें कि अस्त्र मिसाइल की शुरुआत 1990 में हुई थी। 1998 में पहली बार भारत में एयरो इंडिया में इसको सार्वजनिक किया गया था। इसको डीआरडीओ के अलावा हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने मिलकर तैयार किया है। 2003 में इसका पहला टेस्ट तेजस से किया गया था। गौरतलब है कि ये एक क्रूज मिसाइल है जो कई तरह की खूबियों से लैस है। आइये जानते हैं इस मिसाइल की खूबियां।
- स्वदेशी तकनीक से निर्मित अस्त्र मिसाइल को मुख्य रूप से भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने तैयार किया है। ये एक आल वेदर बियोंड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल है।
- बीते वर्ष सितंबर में भी इस मिसाइल का ओडिशा के बालासोर तट से सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया था। उस वक्त इसको सुखोई 30 एमकेआई से लॉन्च किया गया था। हिन्दुस्तान एरोनटिक्स लिमिटेड ने इस मिसाइल के लिए सुखोई में कुछ खास बदलाव किए हैं। इस दौरान इस मिसाइल ने 70 किमी का सफर तय कर अपने टार्गेट पर जबरदस्त हमला किया था।
- इस मिसाइल को मिराज 2000, मिग 29, मिग 21, तेजस और सुखोई 30 से भी दागा जा सकता है।
- यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी तकनीकी से निर्मित है। ये मिसाइल 5555 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से गति चल सकती है।
- ये मिसाइल हर तरह के मौसम में दुश्मन पर सटीक हमला करने में सक्षम है। ये आवाज की गति से भी तेज चलते हुए दुश्मन पर वार करती है।
- अस्त्र मिसाइल करीब 3.8 मीटर लंबी और महज 7 इंच चौड़ी है। छोटे आकार की वजह से इसको कई परिस्थितियों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका वजन महज 154 किग्रा है।
- छोटा आकार होने और वजन में हल्की होने की वजह से इसको अलग-अलग ऊंचाई से दागा जा सकता है। 15 किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़े जाने पर यह मिसाइल 110 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है जबकि आठ किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़े जाने पर यह 44 किलोमीटर की दूरी तक जा सकती है। वहीं 3 किमी की ऊंचाई से लॉन्च करने पर ये मिसाइल अपनी अधिकतम दूरी तक मार कर सकती है।
- इससे पहले अस्त्र का सफल परीक्षण चार 2018, 2017, मई 2014, जनवरी 2010, सितंबर 2008, मार्च 2007 और मई 2003 में भी इसका सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया था। जून 2010 को इस मिसाइल का टेस्ट रात में किया गया था जो सफल रहा था।
- ये मिसाइल 80-100 किमी की दूरी पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। ये मिसाइल अपने साथ 15 किग्रा विस्फोटक ले जा सकती है।
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