PSLV-C 34 से 20 सेटेलाइट एक साथ लॉन्च- जानें, कुछ खास बातें
इसरो की कामयाबी के खाते में आज एक और नया अध्याय जुड़ गया। एक साथ 20 सेटेलाइट के प्रक्षेपण के साथ भारत अब यूएस और रूस के क्लब में शामिल हो गया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय अंतरिक्ष के खाते में आज एक और कामयाबी जुड़ गई। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से एक साथ पीएसएलवी सी-34 ने 20 सेटेलाइट को लॉन्च किया।
- सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) अपने 36वें प्रक्षेपण के दौरान 20 उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले गया। जिसकी लागत अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों की तुलना में 10 गुना कम है।
- 320 टन वज़न वाला पीएसएलवी बुधवार को कनाडा, इंडोनेशिया, जर्मनी और अमेरिका 17 छोटे उपग्रह अंतरिक्ष में ले गया, लेकिन इस लॉन्च का सबसे प्रमुख उपग्रह 727 किलोग्राम वज़न का पृथ्वी की निगरानी करने वाला भारतीय 'कार्टोसैट' है। जो सब-मीटर रिसॉल्यूशन में तस्वीरें खींच सकता है।
- दो अन्य भारतीय 'सत्यभामासैट' और 'स्वयं' भी अंतरिक्ष में भेजे गए।
ऐतिहासिक क्षण-पीएसएलवी-सी 34 से 20 सेटेलाइट लॉन्च
- इसरो ने भारत-अमेरिका मित्रता के प्रतीक के रूप में 13 अमेरिका-निर्मित छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है। जिनमें गूगल के मालिकाना हक वाली कंपनी टेरा बेला (Terra Bella) द्वारा बनाया गया पृथ्वी की तस्वीरें खींचने वाला उपग्रह भी शामिल है।
गूगल का यह सैटेलाइट स्काईसैट जेन 2 (SkySat Gen-2) 110 किलोग्राम वज़न का है। यह सब-मीटर रिसॉल्यूशन की तस्वीरें खींचने तथा हाई-डेफिनिशन वीडियो बनाने में सक्षम है।
- इसरो के अध्यक्ष किरण कुमार ने कहा कि एक ही बार में 20 उपग्रहों को लॉन्च करना 'पक्षियों को अंतरिक्ष में उड़ने देने' जैसा है। जो छोटी-छोटी चीज़ें आप अंतरिक्ष में रखने जा रहे हैं, उनमें से प्रत्येक अपना-अपना काम करेगी,। ये एक-दूसरे से बिल्कुल अलग और स्वतंत्र है, और प्रत्येक उतना समय वहां बिताएगा, जितने समय के लिए उसे डिज़ाइन किया गया है।
- वर्ष 2008 में 28 अप्रैल को इसरो ने एक ही बार में सबसे ज़्यादा उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने का विश्वरिकॉर्ड बनाया था। जब पीएसएलवी एक साथ 10 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा था ।
- वर्ष 2013 में अमेरिकी मिनोटॉर-1 रॉकेट ने यह रिकॉर्ड तोड़ दिया, और एक साथ 29 उपग्रह ले गया। फिर अगले ही साल रूस ने रिकॉर्ड पर कब्जा कर लिया। उन्होंने डीएनईपीआर रॉकेट के ज़रिये एक साथ 33 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे।
- इसरो इस लॉन्च के साथ ही अरबपतियों एलॉन मस्क और जेफ बेज़ोस की कंपनियों के मुकाबले में पहुंच जाएगा। जिन्होंने कहीं कम कीमतों में लॉन्च की पेशकश देकर अंतरिक्ष प्रक्षेपण के उद्योग में दस्तक दी है।
- इसरो अब तक लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है। इसके ज़रिये उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।