Indian Railways: कोविड के बीच वर्ष 2020-21 में रेलवे ने किया बेहतर परिचालन औसत, RTI से चला पता
रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा ट्रेन परिचालन के साथ खर्च की निगरानी की जाती है और इसका कड़ाई से नियमन होता है। पिछले सात वर्षो में विद्युतीकरण में निवेश से डीजल पर लागत कम करने में मदद मिली है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। साल के दौरान सीमित रेल सेवाएं, छूट न दिए जाने और खर्च में कटौती की वजह से रेलवे को परिचालन अनुपात बेहतर करने में मदद मिली है। वर्ष 2019-20 में जहां परिचालन अनुपात 98.36 फीसद था, वहीं वर्ष 2020-21 में यह 97.45 फीसद रह गया। परिचालन औसत का अर्थ है कि 100 रुपये कमाने के लिए कितना खर्च किया जाता है। यह जितना कम हो उतना बेहतर। अगर परिचालन औसत अधिक होगा तो संगठन के पास विस्तार व विकास के लिए वित्तीय संसाधन कम उपलब्ध होंगे।
मध्य प्रदेश के चंद्रशेखर गौर की तरफ से सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में रेलवे बोर्ड ने कहा, 'वर्ष 2019-2020 के लिए परिचालन अनुपात 98.36 फीसद था.. वर्ष 2020-21 के लिए परिचालन अनुपात की गणना अनंतिम आधार पर 97.45 फीसद की गई है।'
रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा, 'ट्रेन परिचालन के साथ खर्च की निगरानी की जाती है और इसका कड़ाई से नियमन होता है। पिछले सात वर्षो में विद्युतीकरण में निवेश से डीजल पर लागत कम करने में मदद मिली है।'
उन्होंने कहा कि अन्य कदमों में कम खर्च, कटौती योजना, परिसंपत्ति का बेहतर उपयोग व कर्मियों का कुशल प्रबंधन आदि शामिल रहे। रेलवे ने वर्ष 2020-21 में अत्यधिक सब्सिडी वाले यात्री खंड को पूरी तरह से संचालित नहीं किया। वर्ष के अंत तक रेलवे ने करीब 65 फीसद ट्रेनों का ही परिचालन किया और कुछ को छोड़कर यात्रियों को किसी भी श्रेणी में छूट नहीं दी गई। वर्ष 2020-21 में माल ढुलाई 123.26 करोड़ टन रही, जो पिछले वित्त वर्ष के 120.93 करोड़ टन से 1.93 फीसद अधिक थी।