जानिए मुंबई ने कितने सालों के बाद देखा 'निसर्ग' जैसा चक्रवाती तूफान
निसर्ग तूफान से पहले मुंबई ने इसी तरह का तूफान साल 1891 में देखा था उसके बाद अब वहां पर ऐसा चक्रवाती तूफान देखा है।
महाराष्ट्र। देश में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या भी मुंबई है। अभी सरकार इससे निपटने के लिए कोशिश कर रही है इसी बीच चक्रवाती तूफान निसर्ग ने यहां के लोगों के लिए एक और मुसीबत पैदा कर दी है। सीएम उद्धव ठाकरे ने दो दिनों तक लोगों को अपने घरों से बाहर न निकलने के निर्देश दिए हैं।
जो लोग समुद्र किनारे के इलाकों में रह रहे थे एनडीआरएफ की टीम ने उनको सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। कुछ टीमें रिजर्व में रखी गई हैं जिससे यदि किसी तरह के हालात खराब हों तो टीमें मदद करने के लिए पहुंच सकें। एक बात ये भी कही जा रही है कि मुंबई 1891 के बाद ऐसा गंभीर चक्रवाती तूफान देख रही है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस चक्रवाती तूफान से पहले मुंबई में मई, 1618 में आए शक्तिशाली समुद्री तूफान आया था।
एक पुर्तगाली इतिहासकार ने इसे कुछ इस तरह से बयान किया था कि 17वीं और 19वीं शताब्दी में, मुंबई में कई समुद्री चक्रवात और तूफान आए। मुंबई में 2005 में भीषण बाढ़ भी आई थी। 2017 और 2019 में भी भीषण बाढ़ आई थी, लेकिन इन बाढ़ों की वजह चक्रवात नहीं थे। क़रीब दो करोड़ की आबादी वाला मुंबई शहर भारत की वित्तीय और मनोरंजन की राजधानी है लेकिन आधुनिक इतिहास में मुंबई को चक्रवात का सामना नहीं करना पड़ा है।
#WATCH Maharashtra: Strong winds and high tides hit Ratnagiri area. #CycloneNisarga pic.twitter.com/Cg85bxwMdL — ANI (@ANI) June 3, 2020
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में वायमुंडलीय विज्ञान के प्रोफ़ेसर एडम सोबेल ने बताया कि 1891 के बाद से मुबंई ने कभी गंभीर चक्रवात का सामना नहीं किया है लेकिन यह सब बदल गया। जब 100 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाला चक्रवातीय तूफान मुंबई के समुद्र तटों से टकराया। भारतीय मौसम विभाग ने इस दौरान भारी बारिश, तेज़ हवाएं और समुद्र में तूफान की चेतावनी भी दी ती। इसी के साथ ये आशंका भी जताई जा रही थी कि शहर के निचले इलाकों में पानी भी भर सकता है।
#WATCH: #CycloneNisarga makes landfall along the Maharashtra coast, process will be completed during next 3 hours. Visuals from Alibaug. pic.twitter.com/n5kpRtpBdS — ANI (@ANI) June 3, 2020
इसी के साथ इस बात की निगरानी भी रखी जा रही है कि ये तूफान पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के तटों पर आए एंफन चक्रवातीय तूफान से अधिक खतरनाक है या कम। एंफन ने कोलकाता में 90 लोगों की जान ले ली थी। प्रोफेसर सोबेल ने चक्रवात से निपटने के लिए मुंबई की तैयारियों का अध्ययन किया है। उन्होंने कहा कि ये चक्रवाती तूफान मुंबई के ठीक ऊपर 110 किलोमीटर की तेजी से आ सकता है।
प्रोफेसर सोबेल ने कहा कि अब अत्यधिक खराब स्थिति की आशंका बहुत घट गई है लेकिन ये फिर भी बहुत खतरनाक हो सकता है और लोगों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। तूफान के मद्देनजर फिलहाल मुंबई को 'ऑरेंज' एलर्ट पर रखा गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि मुंबई एक घनी आबादी वाला शहर है, जो काफी नीचे है और समुद्र के किनारे बसा हुआ है और इसी कारण इसको खतरा ज़्यादा है। उनके मुताबिक ज्यादा बारिश के कारण शहर का निचला इलाका पूरी तरह डूब जाएगा।
#WATCH Tin roof atop a building in #Raigad blown away due to strong winds as #CycloneNisarga lands along #Maharashtra coast (Source: NDRF) pic.twitter.com/INlim5VG1c — ANI (@ANI) June 3, 2020
2012 की एक रिसर्च के मुताबिक इस शताब्दी के अंत तक अरब सागर में आने वाले चक्रवातीय तूफ़ान में 46 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। उनके अनुसार 1998 और 2001 के बीच, मुंबई के उत्तर में भारतीय उपमहाद्वीप में तीन चक्रवातीय तूफान आए जिसमें 17 हजार लोगों की मौत हुई थी। अमिताव घोष का कहना है कि मुंबई में पिछली बार जब तूफान आए थे तब उसकी आबादी दस लाख से भी कम थी लेकिन आज ये दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा म्यूनिसिपैलिटी है जिसकी आबादी दो करोड़ है।
#WATCH: High tides hit Dwarka Coast in Gujarat. #CycloneNisarga pic.twitter.com/gTrRBN1RGZ — ANI (@ANI) June 3, 2020
जुलाई 2005 में, मुंबई में हुई बारिश ने एक दिन में हुई सबसे अधिक बारिश के तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। यहां 14 घंटों में 94.4 सेंटीमीटर बारिश हुई थी। इस बारिश के चलते मुंबई का जनजीवन मानो थम सा गया था। सड़कें नाले में तब्दील हो गई थीं परिवहन और संचार सब ठप हो गया था। अंधेरे में लाखों लोग जहां तहां फंस गए थे बारिश के चलते अलग-अलग हादसों में बह जाने, मलबों में दब जाने से, करंट लगने से या कार में दम घुट जाने जैसी वजहों से 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।