Move to Jagran APP

जानिए- रिटायर जज इंदु मल्होत्रा के बारे में, जिनकी अगुआई में होगी पीएम सुरक्षा चूक मामले की जांच

साल 2018 में इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट के तत्‍कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। इसके साथ ही वे सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला वकील बन गई थीं।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 12:33 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 12:33 PM (IST)
करीब तीन साल की सेवा के बाद इंदु मल्होत्रा 21 मार्च 2021 को रिटायर हो गई थीं (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले दिनों पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जज इंदु मल्होत्रा करेंगी। इंदु मल्होत्रा पिछले साल ही मार्च में रिटायर हुई थीं। वह पहली ऐसी महिला अधिवक्ता थीं जो वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं।

loksabha election banner

साल 2018 में इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट के तत्‍कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। इसके साथ ही वे सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला वकील बन गई थीं। करीब तीन साल की सेवा के बाद वे 21 मार्च 2021 को रिटायर हो गई थीं।

सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त की जाने वाली छठीं महिला

बेंगलुरु से ताल्लुक रखने वाली इंदु मल्होत्रा का जन्म 14 मार्च, 1956 को हुआ था। उनके पिता सुप्रीम कोर्ट में वकील थे। शुरू के 39 सालों में सुप्रीम कोर्ट में कोई महिला जज नहीं रहीं। इंदु मल्होत्रा को 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनाया गया था। वह देश की पहली ऐसी महिला वकील बनीं जिनकी सीधे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति हुई थी। वह आजादी के बाद सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त की जाने वाली छठीं महिला हैं। साल 1989 में फातिमा बीबी सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनी थीं। उनके बाद जस्टिस सुजाता मनोहर, जस्टिस रुमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और जस्टिस रंजना देसाई को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया।

दिल्ली से की पढ़ाई

इंदु मल्होत्रा की पढ़ाई दिल्ली में हुई है। शुरुआत में उन्होंने कार्मल कान्वेंट स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्‍वविद्यालय के लेडी श्रीराम कालेज से राजनीति शास्‍त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उन्होंने पालिटिकल साइंस में मास्टर्स किया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस और विवेकानंद कालेज में शिक्षण कार्य भी किया। 1979 से 1982 के दौरान उन्होंने डीयू के फैकल्टी ऑफ लॉ से लॉ की पढ़ाई की। इसके बाद 1983 में वह वकालत के पेशे में आईं।

सबरीमाला केस जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों में सुना चुकी हैं फैसला

सबरीमाला जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों में न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा फैसला सुना चुकी हैं। सबरीमाला केस में इंदु मल्होत्रा वही जज थीं, जिन्होंने चार पुरुष जजों से अलग राय जाहिर की थी। गौरतलब है कि इस मामले में चारों पुरुष न्यायाधीशों ने महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश देने की बात कही थी, जबकि इंदु मल्होत्रा ने इससे अलग अपनी राय दी थी। इसके अलावा समलैंगिक यौन संबंध मामले में फैसला सुनाने वाली पीठ में भी इंदु मल्होत्रा शामिल थीं। इस मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दो वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध श्रेणी से हटा दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.