जानें कब तक कर सकते हैं शिव की आराधना, ऐसे करेंगे शिवलिंग की पूजा तो मिलेगा दोगुना लाभ
सावन महीने की शिवरात्रि का खास महत्व होता है। इसी के साथ आज एक बेहद ही अद्भूत संयोग भी बन रहा है। जानें किस तरह करे शिव की आराधना तो मिलेगा दोगुना लाभ।
नई दिल्ली, जेएनएन। सावन महीने में आने वाली शिवरात्रि का बहुत महत्व है। कहता है कि इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। बता दें कि हिंदू धर्म का सबसे पवित्र महीने सावन की शुरुआत 17 जुलाई से हुई थी और यह 15 अगस्त तक रहेगा। सावन महीने की शिवरात्रि 30 जुलाई को मनाई जाएगी। सबसे खास बात यह है कि इस दिन मंगलवार है।
सावन मास में कृष्ण पक्ष में मंगलवार के दिन पड़ने वाली शिवरात्रि का बड़ा महत्व है। इस बार की शिवरात्रि पर अद्भूत संयोग बन रहा है। सावन में मंगलवार के दिन मंगला गौरी की पूजा होती है साथ ही यह दिन रुद्रावतार हनुमान जी की भी पूजा के लिए समर्पित है।
शिवरात्री का पूजा मुहूर्त
सुबह 06.45 से शाम के 07.38 बजे तक शिवरात्री पूजा के लिए शुभ महुर्त है। आप सुबह और शाम दोनों ही समय पूजा कर सकते हैं।
इस तरह पूजा करने से मिलेगा ज्यादा लाभ
शिवरात्रि की पूजा शुरू करने से सबसे पहले शिवलिंग को स्नान कराए। इसके बाद अभिषेक करना जरुरी होता है। इसके लिए आप सबसे पहले एक पात्र में केसर, दूध, दही,घी, इत्र, शहद, चंदन, भांग और चीनी को मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
इसके बाद लगाए भोग
शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने के बाद गुड़ से बना पुआ, हलवा और कच्चे चने का भोग लगाएं, बाकी प्रसाद के रुप में सभी लोगों में विस्तृत कर दें।
शिव पूजा के वक्त भूलकर भी ना करें ये गलतियां
कहता है कि शिवलिंग पर काले रंग के कपड़े पहनकर जल नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि, ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो जाते है।
शिवलिंग पर भलकर भी कभी भी तुलसी, हल्दी या कुमकुम न चढ़ाएं। पूजा के लिए शिव की प्रिय चीज जैसे, धतूरा, आक, बेलपत्र और भांग का ही इस्तेमाल करें।
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