जानें, कौन हैं दिल्ली के नए उप राज्यपाल अनिल बैजल
70 साल के अनिल बैजल दिल्ली के अगले उपराज्यपाल नियुक्त किए गए हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। रिटायर्ड आइएएस अधिकारी अनिल बैजल को दिल्ली का नया उप राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वो शनिवार को उप-राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण करेंगे। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के इस अहम पद के लिए अनिल बैजल का चयन किया है। गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए उनके नाम को बुधवार शाम को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई।
हालांकि इस पद पर बैजल के नाम की घोषणा कुछ अलग तरीके से हुई। लंबे समय से राजनीतिक खींच-तान में फंसे रहे इस पद पर बैजल के नाम की घोषणा सरकार की ओर से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मैं श्री बैजल का दिल्ली के उप राज्यपाल के तौर पर स्वागत करती हूं।'
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उनके इस ट्वीट के बाद भी गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन ने इसकी पुष्टि नहीं की। स्वराज विपक्षी दलों में केंद्र सरकार की सबसे ज्यादा स्वीकार्य नेता हैं। गौरतलब है कि पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने 22 दिसंबर को दिल्ली के उपराज्यपाल पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।
कौन हैं अनिल बैजल -
-अनिल बैजल 1969 बैच के आईएस ऑफिसर हैं।
-वो अटल बिहारी वायपेयी की सरकार में केंद्रीय गृह सचिव रह चुके हैं।
-अनिल बैजल दिल्ली विकास प्राधिकारण के पूर्व वाइस चेयरमैन हैं।
-वो शहरी विकास मंत्रालय के सचिव के तौर पर 2006 में सेवानिवृत हुए।
-बैजल यूपीए सरकार के दौरान जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन से जुड़े रहे हैं।
-वह विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में एक्जिक्यूटिव कौंसिल के सदस्य भी रह चुके हैं।
- 60 हजार करोड़ रुपये की यह योजना पिछली सरकार के दौरान शुरू की गई अहम योजनाओं में शामिल है।
-बैजल मोदी सरकार में इस थिंक टैंक से कई लोगों को अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं।
-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल भी फाउंडेशन के काम में बहुत सक्रिय थे।
अनिल बैजल के बारे में यह भी जानें
1969 में यूटी कैडर से आईएएस के रूप में सर्विस शुरू की थी। उन्हें शहरी इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए जवाहर लाल नेहरू रिन्यूअल मिशन के फ्लैगशिप प्रोग्रैम का पायलट भी माना जाता है। अपने 37 साल के करियर में बैजल प्रसार भारती के सीईओ, गोवा के डिवेलपमेंट कमिश्नर और नेपाल में भारत के सहयोग कार्यक्रम के काउंसलर जैसे कई अहम पदों पर रहे। वह भारती कारपोरेशन के चीफ ऐग्जिक्युटिव भी रह चुके हैं।
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उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और ईस्ट एंगिला यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। दिल्ली में LG का पद हुआ अहम बता दें कि दिल्ली के उप राज्यपाल का पद इस लिहाज से भी बेहद अहम हो गया है कि दिल्ली के उच्च न्यायालय ने यह साफ कर दिया है कि दिल्ली सरकार का प्रशासनिक प्रमुख उप राज्यपाल ही है।
यहां भारी बहुमत से चुन कर आई अरविंद केजरीवाल की सरकार लगातार पिछले उप राज्यपाल नजीब जंग पर भेद-भाव करने और अपने काम में अड़ंगा डालने का आरोप लगाती रही थी। हालांकि पिछले हफ्ते उनके इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल ने उनके बारे में सकारात्मक बयान दिए थे।