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संवेदनशील मुद्दों को नजरअंदाज न करे पाक

भारत और पाकिस्तान के बीच यहां विदेश मंत्री स्तर की मुलाकात में सीमा तनाव के अलावा हुर्रियत नेताओं से पाक नुमाइंदों की हालिया मुलाकात से उपजी कड़वाहट साफ नजर आई। एशिया-यूरोप के विदेश मंत्री सम्मेलन के हाशिये पर भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश नी

By Edited By: Published: Wed, 13 Nov 2013 02:14 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2013 10:42 AM (IST)
संवेदनशील मुद्दों को नजरअंदाज न करे पाक

गुड़गांव, [प्रणय उपाध्याय]। भारत और पाकिस्तान के बीच यहां विदेश मंत्री स्तर की मुलाकात में सीमा तनाव के अलावा हुर्रियत नेताओं से पाक नुमाइंदों की हालिया मुलाकात से उपजी कड़वाहट साफ नजर आई। एशिया-यूरोप के विदेश मंत्री सम्मेलन के हाशिये पर भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश नीति व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज की मुलाकात रस्मी औपचारिकता तक सीमित रखने के साथ ही भारत ने पाक के आगे हदों और संबंध सुधार की शर्तो को फिर स्पष्ट किया। खुर्शीद ने सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन के हालिया सिलसिले और अलगाववादी कश्मीरी नेताओं से अजीज की मुलाकात के मुद्दे उठाने के साथ दो टूक कहा कि ऐसी घटनाएं संबंध सुधार के लिए उत्साह जनक नहीं हैं।

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अजीज के साथ आधे घंटे की मुलाकात में खुर्शीद ने स्पष्ट कर दिया कि भारत के लिए संवेदनशील मुद्दों को नजरअंदाज करने वाले कदम संबंध सुधार प्रक्रिया के खिलाफ ही जाएंगे। इतना ही नहीं भारतीय खेमे से सख्त संकेत के तहत अजीज को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात का मंगलवार देर शाम तक वक्त नहीं मिल पाया। बाद में हालांकि अजीज ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन से मुलाकात की। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए रविवार को भारत आए अजीज का बुधवार को वापसी का कार्यक्रम है।

भारतीय विदेश मंत्री ने अजीज से अपनी मुलाकात से पहले ही उसके सीमित दायरे की बानगी दे दी थी। एशिया-यूरोप विदेश मंत्री सम्मेलन के समापन के मौके पर मीडिया से रू-ब-रू खुर्शीद ने हुर्रियत नेताओं से अजीज की मुलाकात और सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की हालिया घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'यह स्पष्ट होना चाहिए कि भारत के नजरिए और संवेदनशीलताओं का ध्यान रखा जाए। बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए उपयुक्त माहौल जरूरी है। बीते दिनों जो घटनाएं हुई उन्हें उत्साहजनक नहीं कहा जा सकता। यह समझा जाना चाहिए कि बातचीत आगे ले जाने के लिए हमें जनता का समर्थन चाहिए और इस तरह की घटनाएं विपरीत असर डालती हैं।'

चुनावी मौसम में पाकिस्तान के साथ नीतियों को लेकर आलोचनाओं से घिरे विदेश मंत्री ने सख्त संदेश देने का प्रयास किया। उन्होंने नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी गोलीबारी, सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ और मुंबई आतंकी हमले की सुस्त चाल को लेकर भारतीय चिंताओं को अजीज के सामने रखा। हालांकि अपने पुराने ढर्रे पर कायम पाक खेमे का कहना था कि वह भी सीमा पर तनाव घटाने के लिए प्रयासरत है।

खुर्शीद-अजीज मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि दोनों देशों के बीच वार्ता प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सीमा पर शांति की अनिवार्य शर्त पर बात हुई। साथ ही जोर दिया गया कि न्यूयॉर्क में गत 29 सितंबर को दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाकात में बनी सहमति के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) की बैठक हो। उल्लेखनीय है कि मनमोहन-शरीफ की मुलाकात के बाद से नियंत्रण रेखा पर दर्जनों बार संघर्ष विराम समझौते को तोड़ चुकी पाक सेना डीजीएमओ स्तर की मुलाकात के मुद्दे पर भी फैसले से कन्नी काट रही है। भारत ने मुंबई आतंकी हमले के मसले पर पाकिस्तान की ओर से सुबूतों की कमी की दलीलों को बैठक के दौरान भी खारिज किया। प्रवक्ता के मुताबिक विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत ने पाक न्यायिक आयोग की ओर से बताए गए सभी जरूरी सुबूत मुहैया करा दिए हैं।

बीते दिनों हुई घटनाएं बातचीत के लिए उत्साहजनक नहीं बल्कि संबंध सुधार की राह में अड़चन हैं। भारत की संवेदनशीलताओं का ध्यान जरूर रखा जाना चाहिए।

-सलमान खुर्शीद, विदेश मंत्री

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