कोरोना काल में छूटी नौकरी तो एंबुलेंस चलाकर पाल रही अपना परिवार
केरल में आर्थिक तंगी का सामना कर रही एक महिला अस्पताल की एंबुलेंस चलाकर अपना गुजारा कर रही है।
कोझिकोड, एएनआइ। कोरोना महामारी ने लोगों को मानसिक और आर्थिक स्तर पर काफी प्रभावित किया है। इस कोरोना काल में किसी की नौकरी चली गई है तो कोई आय के नए स्त्रोत ढूंढ़ रहा है। इसी बीच केरल में आर्थिक तंगी का सामना कर रही एक महिला अस्पताल की एंबुलेंस चलाकर अपना गुजारा कर रही है। कोरोना काल से पहले वह एक कॉलेज की बस चलाती थी।
कोझीकोड की रहने वाली दीपा जोसेफ (Deepa Joseph) ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल-कॉलेज बंद होने के बाद उसने एंबुलेंस चलाना शुरू कर दिया। एएनआइ से बात करते हुए उसने कहा, "मैंने आर्थिक संकट के कारण यह जॉब करना शुरू किया। इस महामारी में बहुत ज्यादा नौकरियां मौजूद नहीं हैं।" उन्होंने आगे कहा, "मैं अपने पति, मां और दो बच्चों के साथ रहती हुं। मेरा बेटा कक्षा 10 में पढ़ता है और बेटी कक्षा आठ में है। वे पूरी तरह से मेरे काम का समर्थन करते हैं।"
घर पर कर रहे बागवनी
कोरोना महामारी के कारण नौकरी छूटने के बाद उत्तर प्रदेश के संत कबीर के मेंहदावल ब्लाक के ग्राम भौंरा निवासी अमन मिश्र (25) यहां बागवानी कर रहे हैं। वह, बीकॉम करने के बाद लगभग पांच वर्ष पहले दिल्ली गए थे, जहां उन्हें पंतजलि कंपनी में सेल्समैन की नौकरी मिली। इसके दो साल बाद वह एक्जीक्यूटिव पद पर पहुंच गए। अच्छी खासी कमाई होने लगी, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद उन्हें घर वापस लौटना पड़ा। अब वह घर पर रहकर अपने खेतों में पौधे लगा रहे हैं।
अमन के पिता छोटे किसान हैं। भाई भोपाल में प्राइवेट नौकरी करते थे, लेकिन लॉकडाउन में वह भी वापस आ गए। इस सबके चलते पूरे परिवार के सामने घर-गृहस्थी चलाने की समस्या खड़ी हो गई।
अमन ने बताया कि दिल्ली में सैलरी अच्छी मिल रही थी। कंपनी से भी बुलावा भी आ रहा है। लेकिन घर के लोग अब वापस भेजने के लिए तैयार नहीं है। यहां पर काम नहीं होने से बागवानी ही बेहतर विकल्प दिखा। इसका उन्हें भविष्य में निश्चित रूप से बेहतर परिणाम मिलेगा।