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हाथियों की सुरक्षा के लिए राज्‍यों की पहल, उनकी मौत के लिए जिम्‍मेदार दो लोको पायलट पर दर्ज किया गया मामला

तमिलनाडु के वन अधिकारियों और केरल के पलक्कड़ रेलवे डिवीजन के अधिकारियों ने हाथियों को रेलवे ट्रैक पार करने से रोकने के लिए कांजीकोड और मदुक्करई के बीच की रेलवे पटरियों के कमजोर हिस्सों में बिजली की तार लगाने पर सहमति जताई है।

By Geetika SharmaEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 03:42 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 05:53 PM (IST)
हाथियों की सुरक्षा के लिए केरल रेलवे और तमिलनाडु वन विभाग हुए एकजुट

चेन्नई आईएएनएस| तमिलनाडु के वन अधिकारियों और केरल के पलक्कड़ रेलवे डिवीजन के अधिकारियों ने हाथियों को रेलवे ट्रैक पार करने से रोकने के लिए कांजीकोड और मदुक्करई के बीच की रेलवे पटरियों के कमजोर हिस्सों में बिजली की तार लगाने पर सहमति जताई है।

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बता दें कि मदुक्करई के नवक्कराय में शुक्रवार रात एक तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से तीन हाथियों सहित एक 6 साल के बछड़े की मौत हो गई, जिससे दोनों पक्षों के बीच तनाव का माहौल पैदा हो गया। वन विभाग ने वन्यजीव अधिनियम की धारा 9 के तहत मैंगलोर-चेन्नई एक्सप्रेस ट्रेन के दो लोको पायलटों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 2016 से अब तक बछड़ों सहित 11 जंगली हाथियों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई है।

पलक्कड़ रेलवे डिवीजन के लोको शेड में तमिलनाडु वन विभाग के अधिकारी ट्रेन की गति रिकॉर्ड करने वाले माइक्रोचिप को कब्जे में लेने पंहुचे थे. जहां उन्हें रेलवे कर्मचारी संघ और लोको पायलट यूनियन की ओर से रोक दिया गया था, जिसके बाद दोनों विभागों के अधिकारियों में विवाद पैदा हो गया. बाद में दोनों विभागों के उच्च अधिकारियों द्वारा विवाद को सुलझाया गया। कांजीकोड से मदुक्करई तक रेलवे पटरियों के कमजोर हिस्सों में बिजली की तार लगाने के लिए दक्षिणी रेलवे, पलक्कड़ डिवीजन के साथ केरल के वन विभाग का भी समर्थन चाहिए होगा।

तमिलनाडु के वन अधिकारियों के अनुसार रेलवे कांजीकोड और मदुक्करई स्टेशनों के बीच तार लगाने के लिए पुरानी रेल और 25 किमी की दूरी प्रदान करेगा। साथ ही तार लगाने के खर्च के लिए तमिलनाडु राज्य सरकार से अनुमति लेने की की उम्मीद कर रहा है। तमिलनाडु वन विभाग दुर्घटनास्थल ट्रैक ए और ट्रैक बी दोनों पर गश्त के लिए दिन-रात पहरेदारों की नियुक्ती भी करेंगा। दिन में तीन चौकीदार और रात में ठह चौकीदार दोनों ट्रैक पर ड्यूटी देंगे। वन विभाग के अधिकारी ने कहा कि आमतौर पर ट्रैक बी को रात की ट्रेनों के लिए और ट्रैक ए को दिन की यात्रा के लिए में इस्तेमाल किया जाता है।


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