विवाद के बाद केरल पुलिस ने रिहा किया मानवाधिकार कार्यकर्ता
राज्य के डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने बताया कि नादिर को माओवादियों से संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया था।
तिरुवनंतपुरम, प्रेट्र। केरल पुलिस ने मंगलवार को मानवाधिकार कार्यकर्ता नादिर गुल मोहम्मद को यह कहते हुए अपनी हिरासत से रिहा कर दिया कि उनके खिलाफ 'कोई सुबूत' नहीं है। इस मुद्दे ने तब विवाद का रूप ले लिया था जब नादिर के मित्र और लेखक कमल सी. छावरा उनकी रिहाई की मांग करते हुए भूख हड़ताल पर बैठ गए।
नादिर को सोमवार को उस समय हिरासत में ले लिया गया था जब वह लेखक कमल सी. छावरा से मिलने गए थे। छावरा को कोझीकोड मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से राष्ट्रगान का अपमान करने की वजह से पुलिस ने हिरासत में लिया था।
राज्य के डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने बताया कि नादिर को माओवादियों से संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया था। उन्होंने साफ किया कि छावरा के खिलाफ यूएपीए के तहत कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। लेकिन भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह) के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने यह भी कहा, 'मैं जानता हूं कि यह टिकेगा नहीं।' उन्होंने बताया कि लेखक कमल को भी रिहा कर दिया गया है।
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