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केरल हादसा: विमान जोर से हिला और अंधेरा छा गया, आंखें खोलीं तो सामने...

कोझिकोड हादसे में जिंदा बचे लोगों ने सुनाई आपबीती-दुर्घटना के बाद विमान का इमरजेंसी गेट खुल गया और कई लोग कूद गए।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 09:49 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 09:49 AM (IST)
केरल हादसा: विमान जोर से हिला और अंधेरा छा गया, आंखें खोलीं तो सामने...
केरल हादसा: विमान जोर से हिला और अंधेरा छा गया, आंखें खोलीं तो सामने...

कोझिकोड, प्रेट्र। एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान में बैठे लोग अपने घर पहुंचने को लेकर उत्साहित थे। उन्हें रनवे पर विमान के रुकने का इंतजार था, लेकिन अचानक सबकुछ बदल गया। विमान जोर से हिला और उसमें बैठे लोग कुछ समझ पाते तब तक वह दो टुकड़ों में बंट गया। हर तरफ अंधेरा छा गया, लोगों में चीख-पुकार मच गई। घर पहुंचने की खुशी मातम में बदल गई। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होते ही इमरजेंसी गेट खुल गया और जान बचाने के लिए कई लोग उससे कूद गए। जो लोग अभी सदमे में थे, उन्हें होश आया तो अपने आस-पास दूसरे लोगों को फंसे देख उनकी चीख निकल गई।

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एक यात्री रमशाद ने कहा कि उन्हें कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ। उन्हें सिर्फ यही समझ आया कि प्लेन बहुत तेजी से हिल रहा था। रमशाद घायल हुए थे और प्लेन से किसी तरह बाहर निकले। उनके साथ उनकी पत्नी सुफैरा और उनकी चार साल की बेटी भी थी और दोनों बिना किसी चोट के ही दोनों बाहर निकल गईं।

पूर्वी कोझिकोड के रहने वाले अशरफ अभी तक सदमे से उबर नहीं पाए हैं। घायल अशरफ को कोझिकोड के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामूली रूप से जख्मी और एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे विजयमोहन ने कहा, 'यह एक दु:स्वप्न था। सदमे से उबरने के बाद जब मैंने आंखें खोली तो सामने मलबे का ढेर लगा था।' एक और यात्री फातीमा ने बताया कि विमान बहुत तेजी से लैंड किया और आगे बढ़ते चला गया।

उड़ान से पहले अखिलेश ने मां को किया था फोन

'मां, मैं दुबई से केरल के लिए उड़ान भर रहा हूं। रात आठ बजे पहुंच जाऊंगा, तब फिर फोन करूंगा। कोरोना से बचाव रखना।' केरल विमान हादसे में मृत को-पायलट अखिलेश शर्मा ने शुक्रवार को उड़ान भरने से करीब एक घंटे पहले यही फोन किया था। रात आठ बजे फिर उनका फोन तो नहीं आया। करीब दस बजे हादसे में उनके मरने की खबर आ गई। अखिलेश उड़ान से पहले और लैंड करने पर हमेशा फोन करते थे।

शुक्रवार को दुबई से उड़ान भरने से पहले करीब तीन बजे मां बालादेवी को फोन किया था। मां से कोरोना महामारी से सावधान रहने की हिदायत दी। पिता तुलसीराम शर्मा ने बताया कि मां से 21 अगस्त को आने का वादा किया था। क्या पता था कि वह कभी जीवित नहीं लौटेगा। 


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