अंतिम संस्कार का मुद्दा : केरल में ईसाइयों में छिड़े विवाद पर सरकार लाएगी अध्यादेश
केरल में पिनरई विजयन सरकार ईसाइयों के दो फिकरों के बीच विवाद को शांत करने के लिए जल्द ही एक अध्यादेश लाएगी।
तिरुअनंतपुरम, पीटीआइ। केरल में पिनरई विजयन सरकार ईसाइयों के दो फिकरों के बीच विवाद को शांत करने के लिए जल्द ही एक अध्यादेश लाएगी। इस अध्यादेश से जैकोबाइट पैरिशनरों को अपने सामुदायिक कब्रिस्तान में मृतकों के पार्थिव शरीर को दफन करने का अधिकार मिलेगा। इन कब्रिस्तानों पर अभी मालंकारा चर्च के ऑर्थोडॉक्स फिकरे का नियंत्रण है।
91 साल की महिला के निधन के बाद मुद्दा गरमाया
सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश जारी करने का फैसला ईसाइयों के दोनों वर्गों के बीच बातचीत में सहमति न होने के बाद किया। अलाप्पुजा जिले में 91 साल की महिला के निधन के बाद उसके अंतिम संस्कार का मामला एक महीने से ज्यादा समय तक लटके रहने के बाद सरकार ने यह फैसला किया है।
2017 में सप्रीम कोर्ट में दिया था ये आदेश
प्रदेश में गिरजाघरों की संपत्ति को लेकर जैकोबाइट और ऑर्थोडॉक्स के बीच लंबे समय से टकराव की स्थिति बनी हुई है। 2017 में एक फैसले में सप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के एक हजार से ज्यादा चर्चों का नियंत्रण जैकोबाइट से लेकर ऑर्थोडॉक्स को दिए जाने का आदेश दिया था। अब वही ऑर्थोडॉक्स वर्ग कब्रिस्तानों में जैकोबाइट वर्ग के मृतकों के अंतिम संस्कार पर विरोध जता रहा है, क्योंकि अंतिम संस्कार कराने वाले पादरी का संबंध चर्च से होता है और चर्च पर ऑर्थोडॉक्स का नियंत्रण है।
ऑर्थोडॉक्स वर्ग ने अध्यादेश को अदालत में चुनौती देने की घोषणा
जैकोबाइट वर्ग ने अध्यादेश जारी करने को सरकार का वीरतापूर्ण फैसला बताते हुए उसका स्वागत किया है। वहीं, ऑर्थोडॉक्स वर्ग ने इसे अदालत में चुनौती देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा है कि हमने मामले का हल निकालने के लिए हर संभव कोशिश की, जब बातचीत से रास्ता नहीं निकला तो सरकार ने अध्यादेश जारी करने का फैसला किया।
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ भी लाए अध्यादेश
केरल विधानसभा में नागरिकता संशोधन एक्ट को वापस लेने की मांग वाले एक प्रस्ताव को पारित किया है। माकपा नीत सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस नीत विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने केरल विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन किया। सिर्फ भाजपा सदस्य इसका विरोध करते नजर आए। पिनराई विजयन ने विधानसभा में कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि केरल में कोई भी डिटेंशन सेंटर नहीं बनेगा। बता दें कि पिनराई विजयन ने कहा है कि वह नागरिकता संशोधन कानून को केरल में लागू नहीं होने देंगे। हालांकि, गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि कोई भी राज्य इस कानून को लागू करने से मना नहीं कर सकता है। राज्यों को हर हाल में नागरिकता संशोधन कानून को लागू करना ही पड़ेगा।