Alappuzha PFI Sloganeering Case: अलापुझा में पीएफआई की रैली में भड़काऊ नारा लगाने पर एक्शन में पुलिस, बच्चे के पिता को हिरासत में लिया
Alappuzha PFI Sloganeering Case केरल के अलापुझा में पीएफआई की रैली में भड़काऊ नारे लगाने के मामले में 18 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में दो लोग पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। केरल हाईकोर्ट ने पुलिस को पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। केरल के अलापुझा (Alappuzha) में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) की रैली में भड़ाकाऊ नारे लगाने के मामले में पुलिस ने 18 और लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि ये वे लोग थे, जो बच्चे द्वारा लगाए गए नारे को दोहरा रहे थे। इस मामले में दो लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। भड़काऊ नारे लगाने वाले बच्चे के पिता अशकर अली को कोच्चि के पल्लुरथी में पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उसे जल्द ही अलापुझा पुलिस को सौंपा जाएगा।
केरल उच्च न्यायालय ने पुलिस को दिए निर्देश
केरल उच्च न्यायालय ने पुलिस को अलापुझा में 21 मई की रैली के संबंध में कथित भड़काऊ नारेबाजी के संबंध में पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। नाबालिग लड़के को कंधे पर उठाकर ले जाने वाला एराट्टुपेट्टा निवासी अनस इस मामले में गिरफ्तार होने वाला पहला व्यक्ति था।
क्या है वायरल वीडियो में
वायरल वीडियो में एक लड़का नारा लगाते हुए नजर आ रहा है कि 'हिंदुओं को चावल अपने अंतिम संस्कार के लिए रखना चाहिए और क्रिश्चियन को अपनी अंत्येष्टि के लिए अगरबत्ती रखनी चाहिए। यदि आप शांति से रहते हैं तब आप हमारे यहां रह सकते हैं और यदि नहीं तो हम आजादी चाहते हैं। यहां शालीनता और शांति से रहें।'
पीएफआई ने दी चेतावनी
यह केरल में रहने वाली हिंदू और ईसाई आबादी के लिए एक सीधा खतरा था। पीएफआई ने चेतावनी दी थी कि अगर वे लाइन में नहीं आते हैं तो उन्हें मौत की सजा दी जाएगी।
अलापुझा जिलाध्यक्ष और सचिव के खिलाफ मामला दर्ज
केरल पुलिस ने मंगलवार को पीएफआई अलापुझा के जिलाध्यक्ष नवास वंदनम (Nawas Vandanam) और जिला सचिव मुजीब (Mujeeb) के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए के तहत अभद्र भाषा के मामले में मामला दर्ज किया था।
क्या है पीएफआई का कहना
पीएफआइ अधिकारियों ने रैली के वायरल वीडियो पर कहा कि शनिवार को रैली अलापुझा में निकाली गई थी। उनके पास आधिकारिक तौर पर नारों की लिस्ट थी, लेकिन यह नारा उसमें शामिल नहीं था। विभिन्न जगहों से शामिल कार्यकर्ताओं ने इसमें हिस्सा लिया। जब वालंटियर्स का ध्यान इस नारे पर गया तब उन्होंने इसे रोका। मामले में आगे जांच की जा रही है।