काबुल की जेल में बंद है IS समर्थक बेटी, मां ने केंद्र सरकार से लगाई गुहार
अफगानिस्तान की काबुल जेल में बंद 10 लोगों में निमिषा के अलावा केरल की दो और महिलाएं नबीसा और मारिया शामिल हैं।
तिरुअनंतपुरम, आइएएनएस। केरल की एक महिला बिंदु ने काबुल (अफगानिस्तान) की जेल में बंद अपनी इस्लामिक स्टेट (आइएस) समर्थक बेटी निमिषा को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई है।
बिंदु ने मीडिया से कहा, उसने सुना है कि उसकी बेटी और पूर्व आइएस कार्यकर्ताओं की नौ अन्य भारतीय विधवाएं इस समय काबुल की जेल में बंद हैं। भारत सरकार से उन्हें वापस लाने का अनुरोध करते हुए उसने कहा, 'मैं भारतीय हूं और उन्होंने जो किया है उसके लिए उनके खिलाफ भारतीय कानून के मुताबिक प्रक्रिया अपनाई जाए।
उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहती कि मेरी बेटी पर किसी अंजान देश में मुकदमा चले। मुझे अपने देश के कानून पर पूरा भरोसा है। मेरे पास जो भी जानकारी थी वो मैं पहले ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के साथ साझा कर चुकी हूं। मैं जानना चाहती हूं कि मेरी बेटी को कैसे और किसने गुमराह किया और उसके साथ क्या हुआ। उसके साथ जो भी हुआ उसके सुबूत केरल में ही हैं इसलिए केंद्र को मेरी बेटी और अन्य को वापस लाना चाहिए।'
बता दें कि निमिषा की पिछले साल नवंबर में बिंदु से बात हुई थी। 10 लोगों में निमिषा के अलावा केरल की दो और महिलाएं नबीसा और मारिया शामिल हैं। 2016 में केरल के 19 लोगों के लापता होने की खबर सामने आई थी। आईबी, एनआईए, रॉ की रिपोर्ट और गायब लोगों के रिश्तेदारों से बात करने के बात पता चला की ये सभी लोग आईएस में शामिल हो गए हैं।
इन 19 लोगों में से 10 पुरुष, छह महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थें। इनमें से ज्यादातर कासरगोड और कुछ पलक्कड़ जिलों के रहने वाले थे। आईएस में शामिल होने वाले लोगों के रिश्तेदारों के अनुसार पिछले दो सालों के दौरान आईएस में शामिल होने वालों में से कुछ लोग कथित तौर पर मारे गए थे। मारे जाने वालों में केरल की तीन महिलाओं के पति भी शामिल हैं।