गरीबों को मुफ्त खाना पहुंचाने वाली याचिका पर कल सुनवाई करेगा केरल हाईकोर्ट
याचिका में कहा गया है कि कुछ लोग यहां मौजूद उन लोगों को खाना वितरित करना चाहते हैं जो सामुदायिक किचन से खाद्य सामग्री प्राप्त करने में असहाय हैं।
कोच्चि, एएनआइ। केरल हाईकोर्ट ने कोल्लम जिले के नेदंपना में मुफ्त भोजन वितरित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि लोगों को कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, चाहे वह जरूरतमंदों के बीच मुफ्त भोजन वितरित करने के प्रशंसनीय इरादे के साथ ही क्यों ना जा रहे हों। फिलहाल सुनवाई को कल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा है कि ये लोग सरकार के साथ मिलकर जरूरतमंदों को खाना पहुंचाने का काम करना चाहते हैं लेकिन डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने उन्हें इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि इन समुदायिक किचन में खाना मुफ्त नहीं होता है तो ऐसे में वो लोग गरीब परिवारों को खाना पहुंचाना चाहते हैं। वहीं याचिका में कहा गया है कि सामुदायिक किचन वही लोग खाना मंगवा सकते हैं जिनके पास फोन है।
अदालत ने कहा कि अगर चाहें तो ये लोग सरकार के साथ अधिक संसाधनों की मदद से भोजन वितरित करने के लिए काम करें। इसके साथ ही सरकारी सलाह का पालन भी करना होगा किसी को भी स्वतंत्र रूप से कार्य करने की इजाजत नहीं है। अन्यथा, हर रेस्तरां कल खुल जाएगा।'
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है तब्लीगी जमात कार्यक्रम के कारण इसमें काफी इजाफा देखा गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों का आंकड़ा 4 हजार को पार कर चुका है जबकि मरने वालों की संख्या 100 से ऊपर पहुंच गई है। केरल में भी कोरोना वायरस के काफी मामले सामने आ रहे हैं।