केरल हाई कोर्ट ने पूछा, नन दुष्कर्म मामले में एसआइटी ने क्या किया
पीठ ने जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केरल सरकार से पीडि़ता की शिकायत के बाद की गई कार्रवाई के संबंध में एक हलफनामा दायर करने को भी कहा।
कोच्चि, प्रेट्र। नन से कथित बलात्कार मामले में केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को कड़ा रुख दिखाया। पीठ ने राज्य सरकार से इस संबंध में गठित विशेष जांच टीम द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने को कहा है। साथ ही दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केरल सरकार से पीडि़ता की शिकायत के बाद की गई कार्रवाई के संबंध में एक हलफनामा दायर करने को भी कहा।
अब इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। बता दें कि रोमन कैथोलिक चर्च के बिशप और जालंधर डायसिस से ताल्लुक रखने वाले फ्रेंको मुलाक्कल पर नन से दुष्कर्म करने का आरोप है।
मुख्य न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय और न्यायाधीश जयशंकरन नांबियार की पीठ ने यह भी जानना चाहा कि एक महीने पहले जब मामले की जांच के सिलसिले में एसआइटी जालंधर गई थी तो क्या उसने आरोपी बिशप से पूछताछ की थी।
पीठ ने पुलिस से उसके बाद उठाए गए कदमों के बारे में सूचित करने को कहा है। साथ ही पीठ ने राज्य सरकार से यह भी जानना चाहा है कि उसने पीडि़त और उसके समर्थन में आई ननों की सुरक्षा के लिए क्या किया है।
पीठ ने केरल कैथोलिक चर्च सुधार आंदोलन के जार्ज जोसेफ की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है। जोसेफ ने याचिका में जांच टीम के अत्यधिक दबाव में होने की बात कही है।
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बिशप से पूछताछ कर सकती है पुलिस
दुष्कर्म के आरोपी बिशप से पूछताछ के लिए पुलिस उसे केरल बुलाने की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि इसके लिए पुलिस इसी सप्ताह समन जारी कर सकती है। उधर, कार्रवाई में देरी पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीडि़ता, प्रत्यक्षदर्शियों और आरोपी द्वारा दिए बयानों में कई विरोधाभास थे। इसी के चलते फैसला लिया गया था कि अगला कदम सभी संदेहों को दूर करने के बाद उठाया जाएगा।
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धीमी कार्रवाई पर राजनीतिक दल बिफरे
पीडि़ता को न्याय दिलाने के लिए जहां चर्च के सुधार आंदोलन से जुड़े संगठन कोच्चि में अनिश्चितकालीन धरने पर डटे हुए हैं, वहीं कई राजनीतिक दल भी नन के समर्थन में आ गए हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि रिपोर्ट दर्ज होने के 76 दिन बाद भी पुलिस जांच पूरी नहीं कर सकी है। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताया है। उधर, भाजपा और संघ परिवार से जुड़े संगठनों ने भी प्रदर्शन स्थल जाकर ननों का समर्थन किया।
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महिला आयोग ने विधायक को नोटिस भेजा
राष्ट्रीय महिला आयोग ने दुष्कर्म की पीडि़ता नन के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर विधायक पीसी जार्ज को नोटिस भेजा है। उनसे 20 सितंबर को आयोग में पेश होने को कहा गया है। उधर, विधायक ने सोमवार को भी पीडि़ता के आरोपों पर सवालिया निशाना लगाया। वहीं जब उनसे महिला आयोग की नोटिस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि क्या वे उनकी नाक काट लेंगी?
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