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केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, राज्‍य में रहने वाले किसी भी रोहिंग्या शरणार्थी का इस्लामिक स्टेट से कोई संबंध नहीं

केरल सरकार (Kerala govt) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि राज्य में रहने वाले किसी भी रोहिंग्या शरणार्थी का इस्लामिक स्टेट या खिलाफत (ISIS) से कोई संबंध नहीं पाया गया है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 09:45 PM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 10:30 PM (IST)
केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, राज्‍य में रहने वाले किसी भी रोहिंग्या शरणार्थी का इस्लामिक स्टेट से कोई संबंध नहीं
केरल सरकार का कहना है कि राज्य के रोहिंग्या शरणार्थियों इस्लामिक स्टेट से कोई संबंध नहीं पाया गया है।

नई दिल्‍ली, एएनआइ। केरल सरकार (Kerala govt) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में रहने वाले किसी भी रोहिंग्या शरणार्थी का इस्लामिक स्टेट या खिलाफत (ISIS) से कोई संबंध नहीं पाया गया है। केरल सरकार ने शीर्ष अदालत को यह भी बताया कि केरल में कोई सीमा पार खतरे की धारणा मौजूद नहीं है। राज्य सरकार उन विदेशियों का पता लगाने के लिए ठोस कदम उठा रही है जिन्होंने जाली यात्रा दस्तावेजों का इस्तेमाल कर देश में गुप्त रूप से प्रवेश किया। 

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केरल सरकार द्वारा दायर दस्तावेज में कहा गया है कि राज्य में तटीय क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला है फिर भी केरल में कोई सीमा पार खतरे की धारणा मौजूद नहीं है। संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों को समुद्री मार्ग से अवैध प्रवासियों के दाखिल होने पर कड़ी नजर रखने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। केरल सरकार की ओर से दाखिल दस्तावेज में कहा गया है कि तटीय पुलिस और तटरक्षक बल इस काम में प्रभावी सहयोग कर रहे हैं।

केरल सरकार ने ने अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर दस्तावेज दाखिल करते हुए कहा कि अभी तक सूबे में रोहिंग्या शरणार्थियों के ISI या ISIS से जुड़े होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों को एक साल के भीतर बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं सहित सभी अवैध प्रवासियों और घुसपैठियों की पहचान करने, उन्हें हिरासत में लेने और निर्वासित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

केरल सरकार ने स्पष्ट किया कि राज्य में पिछले पांच वर्षों में अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम 1956 के तहत अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों या रोहिंग्याओं के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। इसमें कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में गिरफ्तार किए गए 70 बांग्लादेशी नागरिकों में से 57 को बांग्लादेश भेजा जा चुका है जबकि बाकी 13 के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चल रही है। केरल सरकार ने कहा कि अधिकारियों को उत्तर भारतीय होने की आड़ में राज्य में दाखिल करने वाले अवैध प्रवासियों की घुसपैठ को रोकने के निर्देश दिए गए हैं।


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