COVID-19: केरल में पहला 'प्लाज्मा बैंक, थेरैपी के बाद दो संक्रमित हुए स्वस्थ
केरल के प्लाज्मा बैंक में थेरैपी के बाद दो संक्रमित स्वस्थ होकर वापस लौट गए वहीं दो की थेरैपी जारी है।
मलप्पुरम, प्रेट्र। केरल के मांजेरी में पहले प्लाज्मा बैंक ( Plasma Bank) की स्थापना की गई जहां थेरैपी के बाद कोविड-19 के दो मरीजों के स्वस्थ होने की खबर है। इस प्लाज्मा बैंक का निर्माण मांजेरी के करीब सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल में किया गया है। दो और लोगों की थेरैपी जारी है और अब वे खतरे से बाहर है जल्द ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
मलप्पुरम के कोविड-19 डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर डॉक्टर शिनाज बाबू ने कहा, 'अभी बैंक में 25 प्लाज्मा स्टोरेज हैं जो वॉलंटियर्स द्वारा डोनेट किया गया है। इसके अलावा डोनेट करने की लिस्ट में 200 और लोग कतार में हैं जो जरूरत पड़ने पर अपना प्लाज्मा बैंक को देंगे।' निलांबुर निवासी दिल्ली पुलिस के एक ऑफिसर अजीत कुमार (Ajith Kumar) ने न्यूमोनिया के लक्षणों के बाद कोविड-19 टेस्ट करया जिसमें पॉजिटिव पाए गए लेकिन प्लाज्मा थेरैपी के बाद स्वस्थ हो वापस लौटे। शाहुल हामिद और अब्दुल लतीफ ने प्लाज्मा डोनेट किया जिसके बाद अजीत कुमार स्वस्थ हुए और शनिवार को डिस्चार्ज किए गए।
वे 12 जून को केरल पहुंचे और पांच दिन बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए। इससे पहले एक और कोविड-19 मरीज को गंभीर हालत में यहां लाया गया और प्लाज्मा थेरैपी के बाद स्वस्थ हो गया। हालांकि मुंबई से अपने परिवार के साथ वापस आए पूर्व फुटबॉलर हैमसकोया की जिंदगी बचाई नहीं जा सकी जबकि डॉक्टरों ने हरसंभव प्रयास किया था। प्लाज्मा थेरैपी के बाद भी जून के शुरुआत में मौत हो गई। डॉक्टर शैनाज ने बताया, '18 से 50 साल की उम्र के लोगों से 200 मिली प्लाज्मा का संग्रह किया गया। इन सभी का वजन 55 किलोग्राम से अधिक था और जांच में कोविड-19 के लिए टेस्ट में डबल निगेटिव पाए गए। पूरी तरह स्वस्थ होने के 14 दिनों के बाद टेस्ट में निगेटिव पाए जाने के बाद ही इनका प्लाज्मा लिया गया। साइंटिफिक स्टोरेज, के प्लाज्मा को एक साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है।'