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चर्च का चीनी ताबूत इस्तेमाल नहीं करने का फरमान

चीन के प्रधानमंत्री ली कयांग की भारत यात्रा के बीच केरल के एक चर्च ने अपने अनुयायियों को चीन निर्मित ताबूत इस्तेमाल नहीं करने का फरमान जारी किया है। मालाबार के मार तोमा सीरियाई चर्च का कहना है कि 'स्वर्ग पेटी' (चीनी ताबूत) पर्यावरण अनुकूल नहीं है। इस चर्च के करीब 10 लाख अनुयायी हैं। चर्च की सर्वोच्च संस्था जोसेफ

By Edited By: Published: Tue, 21 May 2013 09:18 AM (IST)Updated: Tue, 21 May 2013 09:21 AM (IST)
चर्च का चीनी ताबूत इस्तेमाल नहीं करने का फरमान

तिरुअनंतपुरम। चीन के प्रधानमंत्री ली कयांग की भारत यात्रा के बीच केरल के एक चर्च ने अपने अनुयायियों को चीन निर्मित ताबूत इस्तेमाल नहीं करने का फरमान जारी किया है। मालाबार के मार तोमा सीरियाई चर्च का कहना है कि 'स्वर्ग पेटी' (चीनी ताबूत) पर्यावरण अनुकूल नहीं है। इस चर्च के करीब 10 लाख अनुयायी हैं।

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चर्च की सर्वोच्च संस्था जोसेफ मार तोमा मेट्रोपोलिटन ने अपने मुखपत्र सभा तारका के माध्यम से लोगों को पर्यावरण अनुकूल उत्पाद इस्तेमाल करने की सलाह दी है। चर्च ने तर्क दिया है कि चीन निर्मित ताबूत का मिट्टी में आसानी से क्षय नहीं होता। ये ताबूत हमारे पर्यावरण को दूषित करते हैं, लिहाजा इनका प्रयोग न किया जाए। चर्च ने शवों को दफनाने में सिल्क के बजाय सूती कपड़े इस्तेमाल करने की भी सलाह दी है।

कोट्टायम के कुरियन ने बताया कि आम ताबूत की कीमत जहां ढाई हजार से शुरू होती है वहीं चीन निर्मित ताबूत की न्यूनतम कीमत 10 हजार होती है।

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