कठुआ कांड की सीबीआई जांच की मांग के लिए आरोपितों ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई अर्जी
आरोपितों की दलील, राज्य पुलिस की एसआईटी के कई अफसर दागी, जांच पर नहीं कर सकते भरोसा
नई दिल्ली, प्रेट्र: कठुआ मामले के दो आरोपितों ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि यह केस सीबीआइ को सौंपा जाए। अभी तक इस मामले की जांच राज्य पुलिस कर रही है। पुलिस ने दो अलग-अलग आरोप पत्र अदालत में दाखिल किए हैं। पहले में सात लोगों के खिलाफ व दूसरे में जुवेनाइल के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए हलफनामे में सांजी राम व विशाल जंगोत्रा ने कहा कि पुलिस ने जो एसआइटी बनाई है, उसके कई अफसर दागी हैं। उनकी जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। डीएसपी रैंक के अफसर पर 2007 में दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया था जबकि इंस्पेक्टर पर रिश्वत लेने का मामला विचाराधीन है। उनकी दलील है कि एसआइटी की रिपोर्ट में कई कमियां हैं। दोनों ने बच्ची के पिता की उस याचिका का भी विरोध किया है जिसमें इस केस की सुनवाई चंडीगढ़ स्थानांतरित करने की मांग की गई है। दोनों का कहना है कि मामले में कुल 221 गवाह हैं। उनके लिए बार-बार 250 किमी से ज्यादा का सफर तय करना मुश्किल होगा।
आरोपियों का कहना है कि सीबीआइ जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने लड़की के परिजनों व उनकी पैरवी करने वाली अधिवक्ता दीपिका सिंह रजावत को सुरक्षा मुहैया कराने का विरोध किया है। दोनों का तर्क है कि यह आधारहीन बात है कि परिवार या फिर वकील की जान को खतरा है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने सीबीआइ जांच का विरोध किया है।
हालांकि सरकार ने मामले को कठुआ की बजाए राज्य के ही किसी दूसरे शहर में शिफ्ट करने को ज्यादा ठीक बताया है। सरकार का तर्क है कि मामले में कुल 221 गवाह हैं और उनके बयान उर्दू में दर्ज किए गए हैं। लिहाजा इसे राज्य से बाहर शिफ्ट करना ठीक नहीं होगा। ध्यान रहे कि बीती 27 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई पर सात मई तक रोक लगा दी थी। अदालत उन याचिकाओं पर विचार कर रही है, जिनमें इसे किसी दूसरे राज्य में शिफ्ट करने की मांग की गई है।