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शोपियां से जम्मू पहुंचे 13 कश्मीरी हिंदू परिवार चाहते हैं विस्थापित का दर्जा, बोले- वापस कश्मीर नहीं जाएंगे

राहत एवं पुनर्वास आयुक्त जम्मू के कार्यालय में परिवारों ने किया आवेदन। परिवारों में से 10 चौधरीगुंड के रहने वाले हैं जो दीवाली से एक दो दिन पहले जम्मू पहुंचे थे। तीन अन्य परिवार इनसे पहले ही आ चुके थे।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Tue, 01 Nov 2022 06:17 AM (IST)Updated: Tue, 01 Nov 2022 06:17 AM (IST)
शोपियां से जम्मू पहुंचे 13 कश्मीरी हिंदू परिवार चाहते हैं विस्थापित का दर्जा, बोले- वापस कश्मीर नहीं जाएंगे
आतंकियों से डरे लोग कश्मीर छोड़ जम्मू जाने को मजबूर।

राज्य ब्यूरो, जम्मू : कश्मीर के शोपियां में करीब 15 दिन पूर्व एक कश्मीरी हिंदू की हत्या के बाद जम्मू पहुंचे 13 कश्मीरी हिंदू परिवारों ने उन्हें बतौर विस्थापित कश्मीरी हिंदू पंजीकृत करने की मांग की है। इन परिवारों में 10 चौधरीगुंड के रहने वाले हैं जो दीवाली से एक दो दिन पहले जम्मू पहुंचे थे। तीन अन्य परिवार इनसे पहले ही आ चुके थे। चौधरीगुंड में ही 15 अक्टूबर को आतंकियों ने कश्मीरी हिंदू पूर्ण कृष्ण भट्ट की हत्या की थी।

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आतंकियों के डर से अपना सबकुछ छोड़कर आना पड़ा

जम्मू पहुंचे शोपियां के इन 13 परिवारों के एक सदस्य वीजे कौल ने कहा कि हमने राहत एवं पुनर्वास आयुक्त जम्मू के कार्यालय में विस्थापित पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। हम लोगों को आतंकियों के डर से अपना सबकुछ छोड़कर आना पड़ा है। हमने 32 वर्ष तक सबकुछ सहा है। इस दौरान हमें कई बार धमकियां मिली, लेकिन हम वहां अपने मुस्लिम भाइयों के साथ डटे रहे। अब स्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं।

प्राइमरी स्कूल पर भी आतंकियों ने हमला किया

कौल ने बताया कि पूर्ण कृष्ण भट्ट की हत्या से पहले हमारे गांव में प्राइमरी स्कूल पर भी आतंकियों ने हमला किया था। उस समय वहां अल्पसंख्यक समुदाय के तीन अध्यापक नहीं थे इसलिए वह बच गए। उसी दिन इंटरनेट मीडिया पर जिहादी संगठन ने एक पत्र वायरल कर सभी कश्मीरी हिंदुओं को कश्मीर छोड़ने का फरमान भी दिया था। हमने अपने पंजीकरण आवेदन में भी इसका उल्लेख किया है।

कश्मीर नहीं जाएंगे, जम्मू में ही रहेंगे

वीजे कौल ने कहा कि हम अब वहां नहीं जाएंगे, जम्मू में ही रहेंगे। हमने कश्मीर में तिरंगा ऊंचा रखने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगाया है। आतंकियों द्वारा मौत के घाट उतारे गए पूर्ण कृष्ण भट्ट के भाई अश्विनी कुमार भट्ट ने कहा कि हम कैसे वापस जाएं, वहां हमारे लिए मौत है। हम नहीं जाएंगे।


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