कश्मीर में बंद से जनजीवन अस्त-व्यस्त, दूसरे दिन भी अलगाववादी नजरबंद
अलगाववादियों के बंद और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए लगाई गई प्रशासनिक पाबंदियों के चलते सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर में रविवार को अलगाववादियों के बंद और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए लगाई गई प्रशासनिक पाबंदियों के चलते सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। इस दौरान त्राल में हुई छिटपुट हिंसक घटनाओं के अलावा अन्यत्र स्थिति लगभग शांत रही।
कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, प्रो. अब्दुल गनी बट समेत एक दर्जन अलगाववादी नेताओं को प्रशासन ने एहतियातन लगातार दूसरे दिन भी नजरबंद रखा। पीपुल्स पॉलिटिकल पार्टी के चेयरमैन हिलाल अहमद वार और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन यासीन मलिक पुलिस हवालात में बंद रहे। राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी दोपहर बाद तक वाहनों की आवाजाही एहतियातन रोकी गई, जबकि रेल और इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं। आठ जुलाई का बंद आतंकी बुरहान की दूसरी बरसी के सिलसिले में बुलाया गया था।
रोकी गई अमरनाथ यात्रा
आतंकी बुरहान वाली की बरसी के मद्देनजर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए जम्मू से बाबा अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया। यात्रा के आधार शिविर यात्री निवास भगवती नगर से रविवार सुबह यात्रा के जत्थे को पहलगाम व बालटाल के लिए रवाना नहीं किया गया। गत दिवस कश्मीर के कुगलाम में सेना पर पथराव, हिंसा में युवती सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी। प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित रखने का फैसला किया। यात्री निवास में तीन हजार से अधिक श्रद्धालु डेरा डाले हुए है और देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुओं के जम्मू पहुंचने का सिलसिला जारी है। यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह बना हुआ है।