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जम्मू कश्मीर: घाटी में लगातार 105वें दिन भी रहा जनजीवन प्रभावित

हिजबुल मुजाहद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद आज कश्मीर में तनाव के 105 दिन हो गए हैं।

By kishor joshiEdited By: Published: Fri, 21 Oct 2016 12:24 PM (IST)Updated: Fri, 21 Oct 2016 12:37 PM (IST)
जम्मू कश्मीर: घाटी में लगातार 105वें दिन भी रहा जनजीवन प्रभावित

श्रीनगर (जेएनएन)। कश्मीर घाटी में शुक्रवार को लगातार 105वें दिन भी अलगाववादियों द्वारा आयोजित बंद और राष्ट्र विरोधी प्रदर्शनों के आहवान के मददेनजर प्रशासन ने ग्रीष्मकालीन राजधानी के पांच थाना क्षेत्रों और दक्षिण कश्मीर के पांपोर में कफर्यू और निषेधाज्ञा का सहारा लेना पड़ा। इस दौरान वादी में सामान्य जनजीवन भी पूरी तरह प्रभावित रहा।

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राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अलगाववादी खेमे ने बंद का आहवान करते हुए नमाज ए जुम्मा के बाद राष्ट्र विरोधी रैलियां निकालने की योजना बनाई है। इस दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए एहतियातन आज ग्रीष्मकालीन राजधानी के डाऊन-टाऊन में पांच थाना क्षेत्रों नौहटटा, रैनावारी, ,खानयार, महराजगंज, करालखुड के अलावा श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित पांपोर में कर्फ्यू का लगाना पड़ा है। इसके अलावा बारामुला, कुलगाम और बडगाम के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा लगाई गई है।

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इस बीच, अलगाववादियों के बंद का असर आज सुबह से ही सार्वजनिक जीवन पर नजर आया। सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के अलावा शिक्षण संस्थान बंद रहे। सरकारी कार्यालय खुले थे,लेकिन उनमें कामकाज नाममात्र ही रहा। बीते कुछ दिनों से सड़कों पर लगातार बड़ रही निजी वाहनों की संख्या आज नाममात्र रही। रेहड़ी-फड़ी वाले जो बीते कुछ दिनों से हर जगह नजर आ रहा थे, आज कुछेक जगहों पर ही नजर आए। ग्रीष्मकालीन में टीआरसी मैदान से रीगल चौक पर अलगाववादियों के बंद के वाबजूद सज रहा फुटपाथ बाजार भी आज नहीं लगा।

गौरतलब है कि गत आठ जुलाई को आतंकी बुरहान की मौत के बाद से ही अलगाववादियों ने कश्मीर में सिलसिलेवार प्रदर्शनों और बंद का दौर जारी रखा हुआ है। इस दौरान दो पुलिसकर्मियों समेत 94 लोग मारे गए हैं जबकि 13 हजार से जख्मी हुए हैं। बीते कुछ दिनों से बंद का प्रभाव कम हो रहा था। लेकिन आज बंद का प्रभाव फिर पहले की तरफ होता नजर आया है।

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