Karnataka Hijab Row: हिजाब को लेकर 5 छात्राओं ने फिर किया विरोध, कालेज से ट्रांसफर सर्टिफिकेट मांगा
Karnataka Hijab Row कालेज में हिजाब पहनकर आने के चलते एंट्री न देने के कारण 5 छात्राओं ने अन्य कालेजों में शामिल होने के लिए स्थानांतरण प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। लड़कियों के पत्र जमा करने के बाद कालेज प्रबंधन प्रमाण पत्र जारी करने पर फैसला करेगा।
दक्षिण कन्नड़, आइएएनएस। Karnataka Hijab Row कर्नाटक में एक बार फिर से हिजाब न पहनने को लेकर कालेज छात्राओं का विरोध सामने आया है। कालेज में हिजाब पहनकर आने के चलते एंट्री न देने के कारण 5 छात्राओं ने अन्य कालेजों में शामिल होने के लिए स्थानांतरण प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। हालांकि, उन्हें कुछ सुधार करते हुए एक और पत्र जमा करने के लिए कहा गया है। लड़कियों के पत्र जमा करने के बाद कालेज प्रबंधन प्रमाण पत्र जारी करने पर फैसला करेगा। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कालेज में जाने की कोशिश की थी जिन्हे एंट्री नहीं दी गई थी।
अधिकांश मुस्लिम छात्राओं ने दिशानिर्देश का किया पालन
बता दें कि कुछ छात्राओं को छोड़कर, कालेज में पढ़ने वाले 44 मुस्लिम छात्राओं में से अधिकांश ने दिशानिर्देशों के अनुसार कक्षाओं में पहले भाग लिया था। वहीं II PUC परिणामों की घोषणा के बाद, इस सप्ताह से UG पाठ्यक्रमों में प्रवेश शुरू हो जाएगा। मंगलुरु विश्वविद्यालय के कुलपति पी.एस. यदापदित्या ने पहले घोषणा की थी कि विश्वविद्यालय उन मुस्लिम लड़कियों के लिए विशेष प्रावधान करेगा जो हिजाब नियम के संबंध में अन्य कालेजों में शामिल होना चाहती हैं।
सैकड़ों छात्रों ने हिजाब के विरोध में किया था प्रदर्शन
गौरतलब है कि मंगलुरु शहर के यूनिवर्सिटी कालेज में पढ़ने वाले सैकड़ों छात्रों ने मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में भाग लेने के लिए अनुमति देने के विरोध में 26 मई को कक्षाओं का बहिष्कार किया था। छात्रों ने मांग की थी कि कालेज प्रबंधन को छात्रों को कक्षाओं में हिजाब पहनने से रोकना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में अदालत और सरकार के आदेशों के बावजूद कक्षाओं में हिजाब की अनुमति देने के लिए कालेज प्रबंधन के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त किया।
पिछले साल हिजाब पर शुरू हुआ था विवाद
बता दें कि कर्नाटक के उडुपी प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कालेज के 6 छात्रों के विरोध के रूप में शुरू हुआ हिजाब विवाद पिछले साल शुरू हुआ था। जिसने एक बड़े विरोध का रूप ले लिया था। इसके बाद कई छात्रों ने कालेजों में हिजाब पहनने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
इसके बाद हिजाब पहनने के लिए अनुमति को लेकर दायर याचिका पर उच्च न्यायालय ने तीन न्यायाधीशों की एक विशेष पीठ का गठन किया और याचिका पर तुरंत सुनवाई की। हालांकि कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली पीठ ने छात्रों द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम में एक अनिवार्य प्रथा नहीं है। इसके बाद कर्नाटक सरकार ने स्कूलों और कालेजों हिजाब को इजाजत दिए बिना वर्दी अनिवार्य बनाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए।