Burial Ground: कर्नाटक हाईकोर्ट की राज्य सरकार को फटकार, कहा- 15 दिनों में दें कब्रिस्तानों के लिए जमीन नहीं तो होगी जेल
Burial Ground कर्नाटक में शवों के दफनाने के लिए जमीन की उपलब्धता नहीं होने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले में सरकार के रवैए को गैर-जिम्मेदाराना बताया है।
बेंगलुरु, पीटीआई: कर्नाटक में शवों के दफनाने के लिए जमीन की उपलब्धता नहीं होने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले में सरकार के रवैए को गैर-जिम्मेदाराना बताया है। मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि क्या शवों को सड़क पर फेंक देना चाहिए? साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी की है कि अदालत को सरकार का काम करना पड़ रहा है।
15 दिनों के भीतर जमीन देने के निर्देश
हाईकोर्ट ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों के भीतर सभी गांवों और कस्बों में कब्रिस्तान उपलब्ध कराने के अदालत के आदेश को पूरा नहीं किया जाता है तो राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को अदालत की अवमानना के लिए जेल भेज दिया जाएगा। मोहम्मद इकबाल की एक पूर्व याचिका के आधार पर, उच्च न्यायालय ने राज्य को उन गांवों में कब्रिस्तान उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, जिनमें एक भी नहीं है। कोर्ट ने इस काम के लिए छह सप्ताह का वक्त निर्धारित किया था। कोर्ट का 2019 का आदेश अभी भी सरकार द्वारा लागू किया जाना लंबित है।
2019 से लंबित आदेश के लिए फिर दायर की याचिका
इकबाल ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ अदालत की अवमानना याचिका के साथ कोर्ट का रुख किया है। सरकार के वकील ने मामले पर स्थिति रिपोर्ट जमा करने के लिए समय मांगा। अदालत ने हालांकि इस अनुरोध पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह एक लापता व्यक्ति का मामला नहीं है जिस पर सरकार को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की आवश्यकता है। लोग अच्छे कामों के लिए वोट करते हैं। अदालत ने टिप्पणी की, सरकार को दफनाने के लिए एक "वोट-एकत्रीकरण उपाय" के रूप में विचार करना चाहिए।