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कर्नाटक हाईकोर्ट ने JDS विधायक गौरीशंकर के चुनाव को किया रद्द, बाद में अयोग्यता के फैसले पर लगाई रोक

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को जनता दल (सेक्युलर) के विधायक गौरीशंकर को अयोग्य घोषित कर दिया। हालांकि अदालत ने वकील के अनुरोध पर राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए एक महीने के लिए आदेश पर रोक लगा दी।

By AgencyEdited By: Achyut KumarPublished: Fri, 31 Mar 2023 09:12 AM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 11:00 AM (IST)
कर्नाटक हाईकोर्ट ने JDS विधायक गौरीशंकर के चुनाव को किया रद्द, बाद में अयोग्यता के फैसले पर लगाई रोक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने JDS विधायक गौरी शंकर को घोषित किया अयोग्य

बेंगलुरु, एएनआई। कर्नाटक हाईकोर्ट ने 2018 में फर्जी बीमा बांड के जरिए मतदाताओं को लुभाने के मामले में जद (एस) विधायक गौरीशंकर को अयोग्य घोषित कर दिया है। गौरी शंकर तुमकुर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से  विधायक हैं।

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एक महीने के लिए निलंबित की गई अयोग्यता

हाईकोर्ट ने गौरीशंकर की अयोग्यता को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है। इससे उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की अनुमति मिल गई है। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने यह निर्णय पराजित भाजपा उम्मीदवार बी. सुरेश गौड़ा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करने के बाद दिया। गौरीशंकर पर 2018 के राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को फर्जी बीमा बांड वितरित करने के लिए चुनावी कदाचार का आरोप है।

भाजपा नेता ने दायर किया आवेदन

गौरीशंकर को आदेश के एक महीने के भीतर सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी होगी और हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगवानी होगी। हाईकोर्ट का यह कदम कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए एक झटका है, जिसकी तारीखों की घोषणा इस सप्ताह की गई है। आवेदन भाजपा नेता सुरेश गौड़ा द्वारा दायर किया गया था जिन्होंने आरोप लगाया था कि गौरीशंकर ने फर्जी बॉन्ड प्रलोभन देकर अवैध रूप से चुनाव जीता था। उन्होंने अदालत से उनके विधायक पद को अमान्य करने का आग्रह किया।

वरिष्ठ अधिवक्ता नलिना मेयगौड़ा ने सुरेश गौड़ा के लिए दलीलें पेश कीं। जैसे ही फैसला सुनाया गया, गौरीशंकर के वकील आर हेमंत राज ने विधानसभा चुनावों की घोषणा के मद्देनजर फैसले पर रोक लगाने की मांग करते हुए एक अंतरिम याचिका दायर की, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया और 30 दिनों के लिए आदेश पर रोक लगा दी।

छह साल तक नहीं लड़ पाएंगे चुनाव

गौरीशंकर को जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया जा सकता है। इसलिए, गौरीशंकर के पास 30 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने का विकल्प है। हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे मिलने पर ही गौरीशंकर को चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाएगी।


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