Karnataka Political Crisis: 48 घंटे में कर्नाटक सरकार पर छाए संकट के बादल हटने के आसार, जानिए कैसे
कर्नाटक में किसकी सरकार बनेगी इसका फैसला गुरूवार को हो जाएगा। कुमारस्वामी अपने समर्थक विधायकों के साथ विश्वासमत सिद्ध करेंगे। यदि नहीं कर पाए तो येदुरप्पा सरकार बनाने का दावा करेंगे।
ऩई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। कर्नाटक में बीते 10 दिनों से चल रही सरकार के उठापटक का गुरूवार को पटाक्षेप होने की संभावना है। यदि इस दिन कुमारस्वामी विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध कर देते हैं तो वो सीएम बने रहेंगे वरना कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो ये कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका होगा और यहां के पूर्व सीएम व बीजेपी के वरिष्ठ नेता बीएस येदुरप्पा के लिए फिर से सीएम बनने का रास्ता खुल जाएगा। यदि कुमारस्वामी अपना बहुमत नहीं सिद्ध कर पाए तो येदुरप्पा अपने विधायकों के साथ सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। यदि नाराज विधायक उनके साथ हो गए तो वो अगली सरकार बनाएंगे। इससे पहले भी वो यहां के सीएम रह चुके हैं इस वजह से अब ये माना जा रहा है कि वो जोड़-तोड़ करने में माहिर हैं और उन्होंने विश्वासमत के मुताबिक विधायकों को पहले ही अपने पाले में कर लिया होगा।
गुरूवार को हासिल करना होगा विश्वासमत, बतानी होगी विधायकों की संख्या
कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी को गुरुवार को ही विश्वासमत हासिल करना है और विधानसभा अध्यक्ष को अपने साथ मौजूद रहने वाले विधायकों की संख्या भी बतानी है। अब वो इसे लेकर वह काफी आश्वस्त हैं। कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने इससे पहले बिज़नेस एडवाइजरी समिति की करीब एक घंटे चली बैठक के बाद घोषणा की थी कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी गुरूवार को 11 बजे विश्वासमत हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विश्वासमत हासिल करने की पहल की थी, उन्हें गुरुवार को 11 बजे विश्वासमत हासिल करने का समय दिया गया है। इससे पहले बीजेपी ने कुमारस्वामी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के लिए कहा था, हमें उनकी सरकार में भरोसा ही नही हैं।
कर्नाटक विधानसभा का समीकरण
कर्नाटक विधानसभा में 225 सदस्य है। इस विधानसभा के 16 विधायक इस्तीफ़ा दे चुके हैं, इन्हें हटाने से विधानसभा की संख्या 209 पर आ गई है यानि तब बहुमत के लिए 105 विधायक चाहिए। बीजेपी के पास 105 विधायकों के अलावा 2 निर्दलीय हैं यदि इनको मिला दिया जाए तो मिलाकर कुल 107 विधायक हो जाते हैं। जबकि जेडीएस कांग्रेस के पास स्पीकर को छोड़कर 101 विधायक ही है। कांग्रेस और बीजेपी अपने-अपने हिसाब से विधायकों को जोड़ने और तोड़ने में लगे हुए हैं जिससे वो अपनी सरकार चला सके। सरकार बचाने और गिराने दोनों तरफ से कोशिश चल रही है।
विश्वास मत फेल होने पर कांग्रेस के लिए होगा एक बड़ा झटका
यदि गुरुवार को विश्वासमत फेल हो जाता है और कर्नाटक सरकार गिर जाती है तो कांग्रेस के लिए ये एक बड़ा झटका होगा क्योंकि लोकसभा चुनाव में मिली हार से पार्टी पहले ही पस्त है और इसी बीच एक और राज्य से कांग्रेस से सत्ता चली गई तो पार्टी के लिए ये एक बड़ी रणनीतिक हार होगी। इसी के साथ राजनीतिक दलों के गठबंधन की राजनीति पर भी सवाल उठने लगेंगे।
कर्नाटक बीजेपी का भी जवाब
कुमारस्वामी की ओर से बीजेपी पर लगाए गए आरोपों का कर्नाटक बीजेपी ने जवाब भी दिया है। सोशल मीडिया ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि यह पूरी तरह से गलत है कि येदुरप्पा के पीए संतोष बेग के साथ थे। सीएम अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
वक्त मिलने पर संभाल सकते हालात
ये माना जा रहा है कि कुमारस्वामी को विश्वास मत हासिल करने के लिए जो समय मिला वो उसमें अपने बचे हुए नंबर का जुगाड़ कर लेंगे और विश्वासमत साबित कर देंगे। यदि वो ऐसा नहीं कर पाए तो उनके लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे विधायक
कर्नाटक में राजनीतिक संकट का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया था। कर्नाटक में कांग्रेस के पांच और बागी विधायकों ने विधानसभा स्पीकर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, इन विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है कि जिसमें कहा गया है कि विधानसभा स्पीकर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इन विधायकों में सुधाकर, रोशन बेग, एमटीबी नारगाज, मुनिरत्न और आनंद सिंह के नाम हैं, अब इन पांच विधायकों के साथ ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले बागी विधायकों की संख्या 15 हो गई है, इससे पहले कर्नाटक में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा से इस्तीफा देने वाले असंतुष्ट विधायकों को मनाने के लिए पर्दे के पीछे से बातचीत शुरू कर दी थी।
रोशन बेग रहे हिरासत में
कांग्रेस से निलंबित चल रहे विधायक रोशन बेग़ को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर स्पेशल टास्क फ़ोर्स ने हिरासत में ले लिया था। उन्हें IMA घोटाले को लेकर हिरासत में लिया गया। SIT के मुताबिक रोशन बेग़ चार्टर्ड फ़्लाइट से कहीं जा रहे थे, उसी समय उन्हें हिरासत में लिया गया। IMA मामले की जांच कर रही SIT ने उन्हें इस मामले में पूछताछ के लिए समन किया था। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने रोशन बेग को एयरपोर्ट पर पकड़े जाने के दौरान ही ट्वीट कर आरोप लगाया था कि जब रोशन बेग़ को हिरासत में लिया गया उस समय येदुरप्पा के पीए संतोष भी साथ थे लेकिन उनको वहां से भगा दिया गया। वो भागने में सफल रहे। कुमारस्वामी ने ये भी ट्वीट किया है कि बेग़ को हिरासत में लेने के समय बीजेपी के विधायक योगेश्वर भी वहां मौजूद थे।