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Kargil Vijay Diwas: सिंदूर हुआ अमर, अब बेटे को फौज में भेज कहा- तू कोख धन्य कर देना

कारगिल युद्ध में LOC पर पाक सेना की घुसपैठ रोकने के लिए 3 ग्रेनेडियर्स बटालियन को भेजा गया था। इसमें यूपी के जिला मैनपुरी के गांव टिकरई निवासी नागेंद्र सिंह चौहान भी शामिल थे।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 12:12 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 02:01 PM (IST)
Kargil Vijay Diwas: सिंदूर हुआ अमर, अब बेटे को फौज में भेज कहा- तू कोख धन्य कर देना
Kargil Vijay Diwas: सिंदूर हुआ अमर, अब बेटे को फौज में भेज कहा- तू कोख धन्य कर देना

मैनपुरी [श्रवण कुमार शर्मा]। कारगिल युद्ध को हुए बीस साल का लंबा दौर गुजर तो गया मगर लगता है कल की हो बात है। तिरंगे में लिपटा शहीद पति का पार्थिव शरीर देख वह अंदर से टूट गई थीं। लेकिन पति की शहादत पर गर्व ने जीने का मकसद भी दिया। बच्चों को पति की जांबाजी की कहानियां सुनाईं, देशभक्ति की लोरियां सुनाईं। जब बेटा सैनिक बना तो सपूत को सरहद पर ये कहकर भेज दिया- मेरा सिंदूर तो अमर हो गया, तू कोख को धन्य कर देना।

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वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान लाइन ऑफ कंट्रोल पर पाक सेना की घुसपैठ रोकने के लिए 3 ग्रेनेडियर्स बटालियन को भेजा गया था। यहां तैनात मैनपुरी, उप्र के गांव टिकरई निवासी नागेंद्र सिंह चौहान दुश्मन से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। नागेंद्र के तीन बेटे प्रमोद, अंकित और अमित हैं। उस समय अमित की उम्र करीब डेढ़ साल की थी।

ममता ने बच्चों को पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। परवरिश तो की ही, अच्छी शिक्षा भी दिलाई। साथ ही पति की शहादत की कहानियां सुनातीं रहीं और बच्चों में देशभक्ति का जच्बा कायम किया। कहती हैं, मैं चाहती थी कि बच्चे सरहद पर जाकर दुश्मन से पिता की शहादत का बदला लें। छोटे बेटे अमित कुमार ने सेना में भर्ती होकर उनकी इस इच्छा को पूरा कर दिया। अमित वर्तमान में सिक्किम में तैनात है।

फीरोजाबाद, उप्र के नगला छबरैय्या निवासी ब्रजलाल यादव ने सरहद पर शौर्य दिखाया तो शहीद की पत्नी रूबी ने पति की शहादत का बदला लेने को बेटे को सरहद पर भेज दिया। ब्रजलाल जब वीरगति को प्राप्त हुए तब बेटा पुष्पेंद्र महज तीन साल का था। शहीद की पत्नी रूबी बताती हैं कि पति के बिछुड़ने का गम तो था ही, मगर बच्चों को पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। पुष्पेंद्र को आगरा और फिर देहरादून में पढ़ाया। पुष्पेंद्र में सेना में जाने का जच्बा जगाया। एक साल पहले ही पुष्पेंद्र फौज में भर्ती हो गया है। वर्दी में बेटे को देखा तो लगा कि पति को श्रद्धांजलि अर्पित हो गई।


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