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कानपुर को मिलेगी जाम से आजादी, लद्दाख में बनेगा रिन्यूबल एनर्जी ट्रांसमिशन सेंटर; पीएम गतिशक्ति के तहत मंजूरी

पीएम गतिशक्ति के तहत नेटवर्क पाइपलाइन ग्रुप (एनपीजी) ने बुनियादी ढांचे की छह अहम परियोजनाओं को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिनमें लद्दाख में रिन्युबल एनर्जी के प्रोजेक्ट समेत कानपुर में सिटी लाजिस्टिक से संबंधित मंधना-अनवरगंज का रेलवे प्रोजेक्ट भी शामिल है।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghPublished: Wed, 22 Mar 2023 09:06 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2023 09:06 PM (IST)
लद्दाख में बनेगा रिन्यूबल एनर्जी ट्रांसमिशन सेंटर (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: पीएम गतिशक्ति के तहत नेटवर्क पाइपलाइन ग्रुप (एनपीजी) ने बुनियादी ढांचे की छह अहम परियोजनाओं को अपनी मंजूरी प्रदान की है, जिनमें लद्दाख में रिन्युबल एनर्जी के प्रोजेक्ट समेत कानपुर में सिटी लाजिस्टिक से संबंधित मंधना-अनवरगंज का रेलवे प्रोजेक्ट भी शामिल है। डीपीआइआइटी के लाजिस्टिक डिवीजन के विशेष सचिव की अध्यक्षता में हुई एनपीजी की 45वीं बैठक में इन परियोजनाओं का परीक्षण किया गया और इन पर आगे बढ़ने का फैसला किया गया।

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कई योजनाओं को मंजूरी

जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, उनमें रेलवे के तीन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के दो और न्यू तथा रिन्यूबल एनर्जी मंत्रालय का एक प्रोजेक्ट शामिल है। इन परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति मिशन के दिशा-निर्देशों के तहत पूरा किया जाएगा, जो मल्टीमोडल कनेक्टिविटी, सामान और यात्रियों का सुगम आवागमन उपलब्ध कराने के साथ देश में लाजिस्टिक की क्षमता में बढ़ोतरी करेंगे। लद्दाख में रिन्यूबल एनर्जी की परियोजना अपनी तरह का पहला प्रयोग है। यह इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम के लिए है और इसकी मदद से सरकार को 2030 तक गैर फासिल ईंधन के रूप में पांच सौ गीगावाट क्षमता हासिल करने के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिलने वाली है।

लद्दाख के लिए कई योजनाओं को मंजूरी

2020 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम ने 7500 मेगावाट का सोलर पार्क और ट्रांसमिशन सिस्टम लद्दाख में स्थापित करने की घोषणा की थी। इस सिस्टम के तहत पेंग (लद्दाख) और कैथल (हरियाणा) में टर्मिनल स्थापित किए जाने हैं। इसके सहारे न केवल लद्दाख का समग्र आर्थिक विकास होगा, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। रेल मंत्रालय ने सिटी लाजिस्टिक के रूप में कानपुर में अनवरगंज-मंधना एलिवेटेड रेलवे ट्रैक का प्रस्ताव दिया था। यह शहर आधारित प्रोजेक्ट है, जो रेलवे के लिए लाइन क्षमता का उपयोग बढ़ाएगा और कानपुर तथा उसके आसपास लाजिस्टिक की सुविधा बेहतर करेगा। यह परियोजना कानपुर शहर के बीचोबीच स्थित है। इसके अंदर जीटी रोड के समानांतर 16 किलोमीटर के स्ट्रेच में 16 लेवल क्रासिंग पड़ती हैं।

कानपुर को जाम से मिलेगी आजादी

रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ तमाम अहम संस्थान हैं, जिनमें आइआइटी, विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय से जुड़े संस्थान, मेडिकल कालेज, पालीटेक्निक, कार्डियोलाजी, कैंसर सेंटर, वेयरहाउस आदि शामिल हैं। इन क्रासिंग के कारण पूरा शहर दिन भर जाम से जूझता रहता है। इस एलिवेटेड ट्रैक के बन जाने से रेल लाजिस्टिक 42 लाख टन प्रति वर्ष बढ़ जाएगी। इससे क्षेत्र में न केवल कंटेनर ट्रैफिक बढ़ेगा, बल्कि ईंधन की खपत और कार्बन उत्सर्जन में भी उल्लेखनीय कमी आएगी। मौजूदा रोड ट्रैफिक में लगभग 25 प्रतिशत के सुधार की उम्मीद की गई है। पुराने ट्रैक को उखाड़ने के बाद जो जमीन मुक्त होगी, उसका इस्तेमाल ई-बस के लिए डेडिकेटेड कारिडोर और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए किया जाएगा। इतना ही नहीं, इस ट्रैक के सहारे दो मेट्रो स्टेशनों को स्काईवाक कनेक्टिविटी भी प्रदान की जाएगी।

रेलवे की कई योजनाओं को मंजूरी

रेलवे का दूसरा प्रोजेक्ट बिहार में गंगा नदी पर रेल ब्रिज का है, जो विक्रमशिला और कटरिया के बीच नई रेल लाइन संपर्क प्रदान करेगा। यह प्रोजेक्ट गंगा की धारा के किनारे भागलपुर से 40 किलोमीटर की रेल लाइन का है। यह लाइन कई आर्थिक बिंदुओं को जोड़ेगी और इससे उत्तर बिहार से पूर्वोत्तर के बीच सामान और सीमेंट की आवाजाही बढ़ जाएगी। तीसरा प्रोजेक्ट अजमेर-चित्तौड़गढ़ के बीच 178.28 किलोमीटर लंबी लाइन के दोहरीकरण का है। यह परियोजना अजमेर, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ की इंडस्टि्रयल तथा ट्राइबल बेल्ट में लोगों की सहूलियत का कारण बनेगी।

बनेगी जुड़वा ट्यूब टनल

सड़क परिवहन मंत्रालय के जिन दो प्रोजेक्टों को मंजूरी दी गई है उनमें बिजनी-मंडी सेक्शन में चार लेन के हाईवे का निर्माण शामिल है। इसमें पठानकोट-मंडी के बीच जुड़वा ट्यूब टनल भी बनेगी। यह पठानकोट कैंट रेलवे स्टेशन तथा जोगिंदर नगर रेलवे स्टेशन के बीच संपर्क को बेहतर करेगी। इसके सहारे नूरपुर, शाहपुर, धर्मशाला, कांगड़ा, पालमपुर, बैजनाथ और मंडी सरीखे अहम शहर भी जुड़ जाएंगे। परियोजना क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ाने वाली साबित होगी और इसके सहारे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, एयरपोर्ट, मल्टीमोडल लाजिस्टिक पार्क तथा रोपवे तक रेल कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। सड़क परिवहन मंत्रालय का दूसरा प्रोजेक्ट बेलगाम-हंगसुंड-रायचूर के बीच चार लेन हाईवे का है।


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