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कंगना रनौट पर अशोभनीय टिप्पणियों के कारण उच्चन्यायालय ने लगाई संजय राऊत को फटकार, BMC की खिंचाई

कंगना रनौट पर की गई अशोभनीय टिप्पणियों के कारण आज शिवसेना सांसद संजय राऊत को उच्चन्यायालय की तगड़ी खिंचाई का सामना करना पड़ा। उच्चन्यायालय ने रनोट के बांद्रा स्थित कार्यालय में तोड़फोड़ के लिए बीएमसी पर भी सख्त टिप्पणियां की हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 09:49 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 09:49 PM (IST)
कंगना रनौट पर अशोभनीय टिप्पणियों के कारण उच्चन्यायालय ने लगाई संजय राऊत को फटकार, BMC की खिंचाई
कंगना रनौट पर की गई अशोभनीय टिप्पणियों के कारण संजय राऊत को उच्चन्यायालय की तगड़ी खिंचाई का सामना करना पड़ा।

राज्य ब्यूरो, मुंबई! कंगना रनौट पर की गई अशोभनीय टिप्पणियों के कारण आज शिवसेना सांसद संजय राऊत को उच्चन्यायालय की तगड़ी खिंचाई का सामना करना पड़ा। उच्चन्यायालय ने रनोट के बांद्रा स्थित कार्यालय में तोड़फोड़ के लिए बीएमसी पर भी सख्त टिप्पणियां की हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों से एक सप्ताह में लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा है। 

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न्यायमूर्ति शाहरुख जिमी कत्थावाला एवं न्यायमूर्ति रियाज इकबाल छागला की खंडपीठ ने अभिनेत्री कंगना रनोट की याचिका पर सुनवाई करते हुए सांसद संजय राऊत द्वारा रनोट पर की गई अशोभनीय टिप्पणियों के लिए जमकर खिंचाई की। सितंबर के प्रथम सप्ताह में कंगना रनोट द्वारा मुंबई पुलिस एवं मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। जिसके जवाब में संजय राऊत ने रनोट को ‘हरामखोर’ करार दिया था। एक टीवी चैनल पर साक्षात्कार के दौरान जब एंकर ने राऊत से पूछा कि कानून हाथ में लेने की क्या जरूरत ? तो राऊत ने उससे प्रतिप्रश्न किया था कि ‘कानून क्या है ?’

मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्तिद्व्य ने राऊत के इन दोनों बयानों पर कड़ी टिप्पणी की। जज ने पूछा कि “ये ‘कानून क्या है’ का क्या मतलब है ?” राऊत के वकील ने कंगना पर की गई अन्य अशोभनीय टिप्पणियों पर सफाई देते हुए कहा ये बयान कंगना द्वारा महाराष्ट्र को असुरक्षित बताने एवं कई ‘बेईमान’ बयानों पर दिए गए। इसका मतलब उन्हें धमकाना कतई नहीं था। इस पर भी न्यायमूर्तिद्वय ने कहा कि, हालांकि हम भी उनके (कंगना के) बयानों से सहमत नहीं हैं। हम सब महाराष्ट्रियन हैं। हमें महाराष्ट्रियन होने पर गर्व है। लेकिन इस तरह प्रतिक्रिया देने का क्या मतलब है ? क्या ऐसे संबोधित करना चाहिए ? वह भी तब, जब आप एक नेता और सांसद हैं। 

मुंबई महानगरपालिका पर भी यह आरोप लगे हैं कि उसने कंगना के कार्यालय में तोड़फोड़ बदले की कार्रवाई के तहत की। उच्चन्यायालय ने इस बारे में बीएमसी के अधिकारियों से भी जवाब मांगा था। आज बीएमसी के वकील अनिल साखरे को सीधे संबोधित करते हुए न्यायमूर्तिद्वय ने पूछा कि बीएमसी की अधिकारी सितंबर से पहले क्या कर रहे थे ? जब ये निर्माण हो रहा था, तब ये अधिकारी क्या कर रहे थे ? आप बता रहे हैं कि बिल्डिंग के बाहरी हिस्से में कुछ अवैध निर्माण किया गया था।

इसी बाहरी हिस्से को तोड़ने के लिए आपने जेसीबी का इस्तेमाल किया। सड़क पर चलनेवाला कोई भी आदमी इन बाहरी निर्माणों को देख सकता था। जब ये निर्माण हो रहा था, तो आपके अधिकारी क्या कर रहे थे ? जब ये सारा काम हो रहा था, तो किसी ने नहीं देखा क्या ? पांच और सात सितंबर से पहले आपके अधिकारी आंख मूंदकर बैठे थे क्या ? बता दें कि बांद्रा के पाली हिल स्थित कंगना के कार्यालय में बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ पर कंगना ने बीएमसी से दो करोड़ रुपए हर्जाने की मांग भी की है। आज उच्चन्यायालय ने दोनों पक्षों को एक सप्ताह में लिखित जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।


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