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कांग्रेस में बदलाव: कमलनाथ को मध्यप्रदेश का चेहरा तो सिधिंया को प्रमोशन देने की तैयारी

कमलनाथ को मध्यप्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा बनाने की तैयारी है।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Sun, 14 May 2017 12:53 AM (IST)Updated: Sun, 14 May 2017 12:53 AM (IST)
कांग्रेस में बदलाव: कमलनाथ को मध्यप्रदेश का चेहरा तो सिधिंया को प्रमोशन देने की तैयारी

संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस को राजनीतिक संक्रमण के दौर से निकालने की कोशिशों के तहत पार्टी हाईकमान ने मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस का चेहरा बदलना लगभग तय कर लिया है। पार्टी के दिग्गजों कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनो के कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का नेतृत्व कबूल कर लेने की हामी भरने के बाद इन दोनों नेताओं की पार्टी की सियासत में जिम्मेदारी बढ़ेगी।

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कमलनाथ को मध्यप्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा बनाने की तैयारी है। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया की राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका और ओहदा दोनों बढ़ाने की हाईकमान ने रूपरेखा बना ली है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के स्वस्थ होकर अस्पताल से लौट आने के बाद मध्यप्रदेश समेत पार्टी अन्य राज्यों में पार्टी संगठन में किए जाने वाले बदलावों को लेकर सरगर्मी फिर तेज हो गई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश के संगठन में फेरबदल की लंबे समय से चल रही मशक्कत में राहुल गांधी के नेतृत्व को कबूल करने का पेंच फंसा था।

बताया जाता है कि लोकसभा में कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ सांसद कमलनाथ राहुल के नेतृत्व में अपनी सियासी भूमिका निभाने को लेकर सहज नहीं थे। शायद यही वजह थी कि कुछ समय पहले कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों ने जोर पकड़ा। मगर पिछले महीने सोनिया गांधी से हुई लंबी मुलाकात के बाद कमलनाथ ने इन अटकलों को खारिज करते हुए मध्यप्रदेश जाने की तैयारी शुरू कर दी।

सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी से हुई इस मुलाकात में कमलनाथ ने राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरी शिद्दत से काम करने का भरोसा दिया। सोनिया से इस चर्चा के कुछ दिन बाद ही कमलनाथ ने राहुल की अगुआई में काम करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होने का सार्वजनिक रुप से बयान दिया। इसे बाद ही हाईकमान ने कमलनाथ को मध्यप्रदेश की कमान देने पर गंभीर पहल शुरू की।

ज्योतिरादित्य सिंधिया की राहुल के नेतृत्व को लेकर ऐसी कोई धारणा नहीं रही है। मगर पार्टी नेतृत्व इस बात को लेकर सर्तक रहा है कि सिंधिया कांग्रेस के भीतर राहुल गांधी के समानांतर न दिखाई दें। वैसे कमलनाथ ही नहीं सिंधिया भी मध्यप्रदेश में कांग्रेस का चेहरा बनने के इच्छुक रहे हैं। मगर पिछले लोकसभा चुनाव से लेकर उत्तरप्रदेश के चुनाव तक कांग्रेस की करारी हार के बाद हाईकमान को राज्यों में दमदार ही नहीं संसाधन जुटाने की क्षमता रखने वाले नेताओं की दरकार महसूस हो रही है।

सियासी प्रबंधन के इस पैमाने पर कमलनाथ कहीं ज्यादा फिट बैठते हैं। पार्टी सूत्रों के संकेतों के अनुसार इसी वजह से कमलनाथ को मध्यप्रदेश कांग्रेस का नया चेहरा बनाने की तैयारी है। ताकि कांग्रेस को अगले साल होने वाले चुनाव में 15 साल बाद सूबे की सत्ता में वापसी के लिए खड़ा किया जा सके।

वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा में कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह पार्टी का उपनेता बनाया जाना लगभग तय है। हालांकि पार्टी हलकों में उन्हें मल्लिकार्जुन खड़गे की जगह संसदीय दल का नेता बनाने के विकल्प पर भी चर्चा तेज है। खड़गे को हाईकमान ने लोकसभा की अहम लोक लेखा समिति की अध्यक्षता दी है और कर्नाटक के चुनाव में उन्हें विशेष भूमिका देने की बात है। ऐसे में खड़गे को बदलने का निर्णय हुआ तो फिर सिंधिया को संसदीय दल के नेता के रूप में बड़ा प्रमोशन मिलेगा। खड़गे को हटाने में कांग्रेस नेतृत्व के सामने एक ही बाधा है कि वह दलित समुदाय से हैं और लोकसभा में नेता के रुप में उन्होंने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है।

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