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'शिल्पा तो 10 लाख में आपके घर में नाच लेती कलमाडी जी'

राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में फंसे सुरेश कलमाडी पर चुटकी लेते हुए बॉलीवुड अभिनेता कमाल खान ने ट्वीट किया है 'शिल्पा शेट्टी तो 10 लाख रुपये में नाच लेती तो कलमाडी जी ने 70 लाख रुपये क्यों खर्च किए हैं।' कल पटियाला हाउस स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई थी कि राष्ट्रमंड

By Edited By: Published: Wed, 06 Feb 2013 03:33 PM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2013 03:55 PM (IST)
'शिल्पा तो 10 लाख में आपके घर में नाच लेती कलमाडी जी'

नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में फंसे सुरेश कलमाडी पर चुटकी लेते हुए बॉलीवुड अभिनेता कमाल खान ने ट्वीट किया है 'शिल्पा शेट्टी तो 10 लाख रुपये में नाच लेती तो कलमाडी जी ने 70 लाख रुपये क्यों खर्च किए हैं।' कल पटियाला हाउस स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई थी कि राष्ट्रमंडल खेल घोटाले के दो आरोपियों ने कलमाडी की इच्छच् पूरी करने के लिए शिल्पा शेट्टी को 70 लाख रुपये का भुगतान किया था। शिल्पा को पुणे में राष्ट्रमंडल युवा खेल 2008 के समापन समारोह में परफॉर्म करने के लिए बुलाया गया था।

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राष्ट्रमंडल खेल में लगभग 90 करोड़ रुपये के घोटाले में सीबीआइ की विशेष अदालत सोमवार को आयोजन समिति के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी व महासचिव ललित भनोट समेत 10 लोगों पर फर्जी कागजात तैयार करने, धोखाधड़ी, साजिश रचने और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोप तय किए हैं। मामले की सुनवाई 20 फरवरी से लगातार होगी।

शिल्पा के परफॉर्मेस के लिए फरीदाबाद स्थित जेम इंटरनेशनल के प्रमोटर पीडी आर्य और एके मदन ने इवेंट मैनेजमेंट कंपनी विजक्राफ्ट को 70 लाख रुपये दिए। यह भुगतान 30 अक्टूबर, 2008 को किया गया था।

हालांकि शिल्पा के परफॉर्मेस के लिए ओलंपिक कमेटी से न तो इजाजत ली गई थी और न ही उसके द्वारा कोई भुगतान किया गया था, लेकिन सीबीआइ ने कोर्ट यह बातें इसलिए बताई ताकि यह समझा जा सके कि कलमाडी एंड कंपनी ने पब्लिक ऑफिस का दुरुपयोग 2008 से ही करना शुरू कर दिया था।

-क्या है कहानी

-स्विट्जरलैंड की स्विस टाइमिंग कंपनी ने राष्ट्रमंडल खेल शुरू होने के महज चंद रोज पहले टाइमिंग स्कोरिंग रिजल्ट (टीएसआर) सिस्टम उपलब्ध कराया। इस समझौते के तहत कंपनी को 141 करोड़ रुपये दिए गए। स्विस कंपनी को ठेका दिलाने में सुरेश कलमाड़ी की मुख्य भूमिका रही।

-कलमाड़ी के सहयोगियों ललित भनोट और वीके वर्मा ने स्पेन की एमएसएल कंपनी की निविदा को खारिज किया, जबकि वह टीएसआर महज 48 करोड़ रुपये में देने को तैयार थी।

-स्विस टाइमिंग कंपनी से समझौता करने के लिए नियमों में फेरबदल किया गया।

-29 नवंबर, 2010 को सीबीआइ ने दायर अपनी एफआइआर में कहा-ऐसे नियम बनाए गए, जिससे कि स्विस कंपनी के अलावा कोई अन्य निविदा हासिल न कर सके।

-टीएसआर की रेस में शामिल दो अन्य कंपनियों अमेरिका की कोलोराडो टाइम सिस्टम और जापान की सीको कंपनी की निविदाओं की उपेक्षा की गई।

-राष्ट्रमंडल खेल शुरू होने से पहले ही 90 प्रतिशत भुगतान स्विस कंपनी को कर दिया गया।

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