डीजे या बैंडबाजा बजा तो निकाह नहीं पढ़ाएंगे काजी, बैठक में फैसला
शरीयत का हवाला देकर एक बार फिर शादी समारोह उलमा के निशाने पर हैं।
By Edited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 10:58 AM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 04:17 PM (IST)
बरेली(जेएनएन)। शरीयत का हवाला देकर एक बार फिर शादी समारोह उलमा के निशाने पर हैं। यह कहते हुए कि बैंडबाजे और डीजे नहीं बजने चाहिए। उन्होंने तय किया है कि जहां शादियां बैंडबाजे और डीजे के साथ होंगी, वहां निकाह नहीं पढ़ाएंगे।
उलमा की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी। यह पहली बार है, जब एक साथ सभी मस्जिदों के इमामों ने शरई हुक्म पर फैसला सुनाया है। कहा है कि ऐसी शादियों में जाएंगे ही नहीं। जाने पर पता लगता है कि बैंडबाजे के साथ बरात आ रही है। मैरिज हाल में डीजे का इंतजाम किया गया है तो निकाह पढ़ाए बगैर लौट आएंगे। बैठक में मुफ्ती शहजाद आलम, जामा मस्जिद के इमाम हाफिज इस्लाम वारिस आदि मौजूद रहे। जामा मस्जिद के इमाम इस्लाम वारिस ने बताया कि जिन समारोह में बैंडबाजा बजेगा या फिर डीजे पर नाच गाना होगा, वहां इमाम निकाह पढ़ाने नहीं जाएंगे। यदि वहां पहुंचने पर पता चलता है कि ऐसा है तब भी बगैर निकाह पढ़ाए लौट आएंगे।
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