सौम्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश होंगे जस्टिस काटजू
काटजू ने कहा, जब उन्हें मालूम पड़ा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 11 नवंबर को पेश होने के लिए तलब किया है, तो उन्हें अच्छा नहीं लगा।
तिरुअनंतपुरम, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कडेय काटजू ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय में कामकाज की अधिकता का असर सौम्या मामले के फैसले पर हो सकता है। उन्होंने दोषी को मृत्यु दंड से राहत देने के फैसले को गंभीर गलती करार दिया है। कहा है कि न्यायाधीश ने इस मामले को पर्याप्त समय नहीं दिया। इसका कारण अदालत के पास लंबित मामलों का बोझ हो सकता है। पूर्व न्यायाधीश ने यह बात अपने फेसबुक पोस्ट में लिखी है।
काटजू ने लिखा है कि वह मानते हैं कि इस सनसनीखेज मामले में दोषी को केरल हाई कोर्ट ने मौत की सजा दी थी। इसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा बदलकर उम्रकैद किए जाने को वह उचित नहीं मानते हैं। काटजू ने कहा, जब उन्हें मालूम पड़ा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 11 नवंबर को पेश होने के लिए तलब किया है, तो उन्हें अच्छा नहीं लगा। यह किसी मामले के फैसले के खिलाफ आवाज उठाने पर उत्पीड़न करने जैसा लगा।
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शुरुआती सूचना पर उन्होंने कोर्ट के समक्ष पेश न होने का निर्णय लिया लेकिन जब उन्हें नोटिस मिला तो उसकी भाषा से उनका मन बदला। कोर्ट ने सम्मानजनक भाषा में उनसे आकर बताने के लिए कहा है कि किन बिंदुओं पर पुनरावलोकन की जरूरत है, जिससे वह फैसले की समीक्षा की जा सके। इसलिए अब वह 11 नवंबर को दोपहर दो बजे कोर्ट के समक्ष पेश होंगे।
यह है सौम्या मामला
एक फरवरी, 2011 को एर्नाकुलम से शोरनूर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन के लेडीज कंपार्टमेंट में सौम्या (23) पर गोविंदास्वामी नाम के आदमी ने हमला किया था। सौम्या बचने के प्रयास में चलती ट्रेन से कूद गई थी। उसके पीछे ही गोविंदास्वामी भी ट्रेन से कूद गया और उसने बुरी तरह घायल सौम्या के साथ बेहोशी की दशा में दुष्कर्म किया और उसके बाद उसका मोबाइल फोन और अन्य सामान लूटकर भाग गया। बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान सौम्या की मौत हो गई थी।
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