तेलंगाना में कोर्ट से दूर रहे जज, आंदोलन जारी
तेलंगाना में 11 जजों के निलंबन के खिलाफ 200 जज कामकाज से दूर रहे। जजों के निलंबन के विरोध में वे मंगलवार से सामूहिक छुट्टी पर चले गए थे।
हैदराबाद, (पीटीआई)। तेलंगाना में करीब 200 जज बुधवार को कामकाज से दूर रहे। 11 जजों के निलंबन के विरोध में वे मंगलवार से सामूहिक छुट्टी पर चले गए थे। जजों के निलंबन और आंध्र प्रदेश के जजों की तेलंगाना में नियुक्ति के विरोध में विभिन्न अदालतों के जजों और वकीलों का आंदोलन बुधवार को भी जारी रहा।
तेलंगाना जजेज एसोसिएशन के एक सदस्य ने कहा कि निलंबन को लेकर हमारा विरोध जारी है। हैदराबाद हाईकोर्ट ने आंदोलनकारी 11 जजों को अनुशासनहीनता के आधार पर निलंबित कर दिया था। इस बीच तेलंगाना एडवोकेट्स ज्वायंट एक्शन कमेटी (जेएसी) के सदस्यों ने राज्य की विभिन्न अदालतों के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस ने हाईकोर्ट की तरफ मार्च कर रहे करीब 40 सदस्यों को हिरासत में ले लिया।
जेएसी ने बुधवार को हाईकोर्ट बंद का आह्वान किया था। राज्यपाल से मिले सीएमजजों और वकीलों के आंदोलन के बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन से मुलाकात की। दोनों की बातचीत का ब्योरा नहीं मिल पाया। माना जा रहा है कि जजों की नियुक्ति के विवाद पर चर्चा हुई। राव ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर हाईकोर्ट के बंटवारे की प्रक्रिया तेज करने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए अलग-अलग हाईकोर्ट होने पर ही जजों के आवंटन पर उचित अधिसूचना जारी हो सकती है।
गौड़ा के खिलाफ शिकायत
तेलंगाना के वकीलों की जेएसी ने केंद्रीय विधि मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा के खिलाफ पुलिस में शिकायत की। उसने आरोप लगाया कि गौड़ा पिछले साल मार्च में तेलंगाना में हाईकोर्ट बनाने के अपने वादे पर विफल हो गए। इसलिए उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाए। पुलिस ने केवल डायरी में शिकायत की इंट्री कर ली।
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