कांग्रेस की चुनावी रणनीति को वाघेला के कदम से तगड़ा झटका
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने वाघेला के इस दावे को गलत बताया कि पार्टी ने उन्हें 24 घंटे पहले ही निलंबित कर दिया था और इसीलिए वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गुजरात चुनाव में इस बार नरेंद्र मोदी के बिना उतरने वाली भाजपा को सत्ता से बेदखल करने की उम्मीदें पाल रही कांग्रेस को शंकर सिंह वाघेला ने तगड़ा झटका दे दिया है। वाघेला के इस कदम से पार्टी की चुनावी रणनीति पर गहरा असर पड़ेगा और कांग्रेस के इस अंदरुनी घमासान का सियासी फायदा उठाने का भाजपा कोई मौका नहीं छोड़ेगी। शायद इसीलिए कांग्रेस ने वाघेला के पार्टी से निकाले जाने के दावे को जहां एक ओर झूठा बताया वहीं उन पर भाजपा के साथ मिलकर सियासी साजिश रचने का भी आरोप ठोक डाला।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने वाघेला के इस दावे को गलत बताया कि पार्टी ने उन्हें 24 घंटे पहले ही निलंबित कर दिया था और इसीलिए वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वाघेला को केंद्रीय मंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और राज्य में नेता विपक्ष की बड़ी जिम्मेदारियां दी। वाघेला पर निशाना साधते हुए सुरजेवाला ने कहा कि संगठन किसी भी व्यक्ति से बड़ा होता है और इस एक व्यक्ति की महत्वाकांक्षा के लिए पार्टी के हितों की अनदेखी नहीं की जा सकती। गौरतलब है कि वाघेला पिछले काफी समय से कांग्रेस नेतृत्व पर खुद को गुजरात चुनाव में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करने का दबाव डाल रहे थे। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी से भी उनका छत्तीस का रिश्ता हो चुका था। मगर गुजरात चुनाव में अपने सियासी समीकरण के लिहाज से कांग्रेस नेतृत्व भरत सोलंकी को ज्यादा तवज्जो दे रहा है।
वाघेला के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को लगने वाले सियासी झटके का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुरजेवाला ने उनके एलान के बाद भी उम्मीद जताई कि भले ही पार्टी पदों से इस्तीफे की वाघेला ने घोषणा की है मगर वे कांग्रेस के लिए काम करते रहेंगे। पार्टी के सियासी गलियारे में वाघेला के जाने से मची हलचल के बीच इस बात की पूरी आशंका जाहिर की जा रही है कि भाजपा चुनाव में वोटों का बंटवारे कराने के लिए वाघेला का परोक्ष सहारा लेने की पूरी योजना पर काम कर रही है। वाघेला की कांग्रेस और भाजपा से अलग जनता के कोर्ट में जाने की बात को पार्टी के रणनीतिकार इसी से जोड़ कर देख रहे हैं। पार्टी का आकलन है कि चुनावी मुकाबले के सीधे भाजपा बनाम कांग्रेस होने से सत्तारूढ़ भाजपा की चुनौती इस बार कहीं ज्यादा बड़ी है। ऐसे में वाघेला यदि चुनाव में तीसरे कोण के रुप में उतरे तो इसका ज्यादा फायदा भाजपा को मिल सकता है।
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