सेनाओं के बीच सामंजस्य को लेकर अहम रहा संयुक्त कमांडर कांफ्रेंस
इस बैठक में रक्षा सचिव संजय मित्रा के साथ उनके आला अधिकारियों ने भी भाग लिया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तीनों सेनाओं के कमांडरों का साझा सम्मेलन यूनीफायड कमांडर सम्मेलन मंगलवार को सम्पन्न हुआ, जिसमें तीनों सेनाओं के आला अधिकारियों ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ देश के सामने खड़ी रक्षा चुनौतियों और इससे निबटने के लिये तीनों सेनाओं की समाघात तैयारी पर विस्तार से चर्चा की है।
यहां रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस बारे में बताया कि यह सम्मेलन साल में एक बार ही होता है, दो दिनों का यह सम्मेलन 30 जुलाई को शुरु हुआ था। तीनों सेनाओं के साझा मसलों पर विचार करने के लिये इस सम्मेलन ने एक मंच प्रदान किया है।
इस बैठक में रक्षा सचिव संजय मित्रा के साथ उनके आला अधिकारियों ने भी भाग लिया। इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुखों की समिति के अध्यक्ष एडमिरल सुनील लांबा, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ और थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भाग लिया और सैन्य तैयारियों को और तेज करने के लिये अपने प्रस्ताव भी रखे है।
बता दें कि राजधानी में सेना के शीर्ष कमांडरों की दो दिन तक चली इस बैठक में थल सेना, वायुसेना और नौसेना के शीर्ष कमांडरों ने क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे की समीक्षा करते हुए चीन और पाकिस्तान के साथ लगने वाली सीमा से जुड़े मुद्दों और देश के सामने मौजूद मुख्य चुनौतियों पर चर्चा भी की है। सुरक्षा के मद्देनजर होने वाले इस मंथन में तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत को समझते हुए विस्तार चर्चा भी की गई है। इसे जिदंगी के दूसरे पहलुओं की तरह वक्त की मांग बताया गया है।
गौरतलब है कि सैन्य ताकतों के बीच तालमेल के लिए एक मूलभूत तत्व का काम कर सके, मोर्चा चाहे जमीनी हो या आसमानी, जल हो या साइबर स्पेस, सभी क्षेत्रों में ऑपरेशंस की प्लानिंग और अमल के लिए एक फ्रेमर्वक काम करे इस पर रक्षा मंत्रालय और तीनो सेनाओं ने चर्चा की है।