मुफ्ती ने कहा, 'चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा अफस्पा'
मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने सोमवार को कहा कि राज्य से चरणबद्ध तरीके से अफस्पा हटाया जाएगा और ऐसा करने से पहले सेना को विश्वास में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर में कुछ इलाकों में सेना को विशेष अधिकार देने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वहां पर शांति का
जम्मू, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने सोमवार को कहा कि राज्य से चरणबद्ध तरीके से अफस्पा हटाया जाएगा और ऐसा करने से पहले सेना को विश्वास में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर में कुछ इलाकों में सेना को विशेष अधिकार देने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वहां पर शांति का माहौल है और सेना अपने ही राज्य में निर्दोष लोगों को शक की नजर से नहीं देख सकती है। इसके साथ मुफ्ती ने कहा कि सुरक्षाबलों के कब्जे वाली जमीन भी वापस उनके मालिकों को दिलाई जाएगी।
विधान परिषद में राज्यपाल एनएन वोहरा के अभिभाषण पर हुई बहस का जबाव देते हुए हालांकि मुख्यमंत्री ने घोषित किए जाने वाले शांत क्षेत्रों का नाम नहीं लिया। मासूम पर गोली चलाने पर सेना को भी जबावदेह होना पड़ेगा।
सुरक्षाबलों के कब्जे वाली जमीन वापस लेंगे
मुफ्ती ने कहा कि उनकी इच्छा है कि किसान सीमा के अंतिम छोर तक अपनी जमीन पर काम करें। इसलिए वह सभी जमीन जो सुरक्षाबलों के कब्जे में है, वापस उनके मालिकों को दी जाएगी। पांच लाख कनाल से अधिक जमीन सेना के कब्जे में है, जबकि लोग का दावा है कि उनकी आठ लाख कनाल जमीन है, जो सुरक्षाबलों ने अपने कब्जे में ले रखी है।
बिना दोस्ती किसी मसले का हल संभव नहीं
पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की वकालत करते हुए मुफ्ती ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने पड़ोसी के साथ बेहतर संबंधों के लिए दोस्ती का हाथ बढ़ाया था, जो अब भी आवश्यक है। दोस्ती के बिना किसी भी मसले का हल संभव नहीं।
कश्मीर में फिर दिखी उम्मीद की किरण
मुफ्ती ने गठबंधन सरकार को एक ऐसा ऐतिहासिक अवसर बताया जो लोगों का सामूहिक विकास और शांति प्रदान करने के लिए उन्हें मिला है। उन्होंने राज्य की मिलीजुली संस्कृति को देश-दुनिया के सामने लाने का संकल्प लेते हुए कहा कि आज से 67 वर्ष पहले महात्मा गांधी ने कश्मीर में उम्मीद की किरण देखी थी, वही उम्मीद अब एक बार फिर दिखाई दे रही है। मुफ्ती ने पश्चिमी पाकिस्तान रिफ्यूजियों के मुद्दों पर भी बात की।
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