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BJP सांसद की मांग पर 39 साल बाद झारखंड-बंगाल के बीच टूटेगा करार!

1978 में बिहार (अब झारखंड) तथा बंगाल के मध्य नदियों के पानी को लेकर जो करार हुआ था उसका झारखंड को आज तक कोई लाभ नहीं मिला।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sat, 29 Apr 2017 11:30 AM (IST)Updated: Sat, 29 Apr 2017 11:30 AM (IST)
BJP सांसद की मांग पर 39 साल बाद झारखंड-बंगाल के बीच टूटेगा करार!
BJP सांसद की मांग पर 39 साल बाद झारखंड-बंगाल के बीच टूटेगा करार!

नई दिल्ली (जेएनएन)। 1978 में बिहार संप्रति (झारखंड) एवं बंगाल सरकार के बीच नदियों के जल संसाधन को लेकर जो करार किया गया था, उसके 39 साल होने को हैं। लेकिन, बंगाल सरकार ने आज तक सिद्धेश्वरी-नूनबील नदी और बराकर-उसरी नदी के संगम बिंदु के डाउन स्ट्रीम में बराकर नदी पर बालपहाड़ी नदी पर डैम का निर्माण नही कराया है। डैम निर्माण नही होने से झारखंड को कोई लाभ नही हो रहा है। पानी झारखंड का लेकिन, उसका फायदा बंगाल को हो रहा है। बिजली का उत्पादन डीवीसी कर रहा है जिसका मुख्यालय बंगाल में है।

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सांसद निशिकांत दुबे ने 5 अगस्त 2016 को संसद में इस मसले को उठाया था और तर्क दिया था कि दोनों राज्यों के बीच किए गए करार को तोड़ देना चाहिए। दामोदर, बराकर, मयूराक्षी, सिद्धेश्वरी, नूनबील और अजय नदी के जल संसाधन का उपयोग संबंधी करार झारखंड के लिए नुकसानदेह है। अब नए सिरे से करार होना चाहिए क्योंकि बंगाल सरकार ने आज तक अपना करार ही पूरा नही किया है।

सदन में उठाए गए सवाल पर जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्यमंत्री डॉ. संजीव कुमार ने 20 अप्रैल को सांसद को लिखे पत्र में कहा है कि बंगाल सरकार से किया गया करार संप्रति झारखंड के हित में नहीं है। एकरारनामा के मुताबिक पश्चिम बंगाल सरकार को डैम का निर्माण करना था। झारखंड सरकार इसके पुनरीक्षण की पहल कर रही है।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का कहना है, 'तत्कालीन बिहार संप्रति झारखंड और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच सिद्धेश्वरी-नूनबील नदी पर डैम और बराकर-उसरी नदी के संगम बिंदु के डाउन स्ट्रीम में बराकर नदी पर बालपहाड़ी डैम निर्माण 39 साल बाद भी नही हो सका। पानी झारखंड का लेकिन, उसका लाभ बंगाल को हो रहा है, झारखंड के लोगों को उससे तनिक भी लाभ नहीं हो रहा। इस गंभीर मामले को सदन में उठाया था। जिस पर केद्र व राज्य सरकार की ओर से की जा रही पहल की जानकारी केद्रीय राज्यमंत्री ने दी है। राज्य सरकार पुनरीक्षण की दिशा में पहल कर रही है।'

बंगाल सरकार को आपत्ति

उसरी नदी के संगम बिंदु के डाउन स्ट्रीम में बराकर नदी व बालपहाड़ी नदी पर डैम निर्माण की विस्तृत परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के माध्यम से केद्रीय जल आयोग तैयार कर रहा है। केद्रीय राज्यमंत्री ने कहा है कि आयोग द्वारा तैयार इस परियोजना पर पश्चिम बंगाल सरकार को आपत्ति है। ऐसे में डैम निर्माण कार्य की कार्रवाई से पूर्व नेशनल इंस्टीट्यट ऑफ हाइड्रोलाजी रुड़की द्वारा किए जा रहे अध्ययन के प्रतिवेदन का इंतजार किया जा रहा है। रुड़की से प्राप्त प्रतिवेदन के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

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