क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह के दादा का शव नदी से मिला, इच्छा रह गई अधूरी
पुलिस ने बताया कि रविवार सुबह गांधी ब्रिज के नीचे साबरमती नदी में एक अधेड़ का शव मिलने की सूचना मिली थी।
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के दादा का शव रविवार सुबह गांधी ब्रिज के नीचे साबरमती नदी से मिला है। अहमदाबाद में अपने पोते से मिलने आये संतोख सिंह (84) पिछले दो दिन से लापता थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। उनके आत्महत्या करने की संभावना जताई जा रही है।
पुलिस ने बताया कि रविवार सुबह गांधी ब्रिज के नीचे साबरमती नदी में एक अधेड़ का शव मिलने की सूचना मिली थी। पुलिस ने मौके पर तफ्तीश की तो पता चला कि शव दो दिन से लापता संतोख सिंह है। शव के पास से उनका मतदाता पहचान पत्र भी मिला है। अहमदाबाद में ही रहने वाली संतोख सिंह की पुत्री रजिंदर सिंह (56) ने शुक्रवार को वेजलपुर पुलिस थाने में अपने पिता के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
17 साल से पोते से मिलने को तरस रहे थे
संतोख सिंह 17 साल से अपने पोते जसप्रीत बुमराह से मिलने के लिए तरस रहे थे। उनकी अंतिम इच्छा थी कि वह अपने पोते को गले लगाएं। 5 दिसंबर को जसप्रीत का जन्मदिन था। इसलिए वह जसप्रीत से मिलने के लिए उत्तराखंड (किच्छा) से अहमदाबाद आए थे। परंतु पारिवारिक झगड़े के कारण जसप्रीत की मां दलजीत कौर ने उन्हें मिलने नहीं दिया। वह बार-बार अपने संबंधियों से जसप्रीत से मिलवाने के लिए कहते रहे, लेकिन उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई।
स्वर्गवासी पत्नी के पास जाने को कहकर निकल गए थे
निराश होकर शुक्रवार को उन्होंने दोपहर एक बजे उत्तराखंड में रहने वाले अपने दूसरे पुत्र जसविंदर सिंह को फोन किया। जसविंदर से उनकी स्वर्गवासी माता के पास जाने की बात कहकर संतोख सिंह घर से निकल गए थे।
मिलने नहीं देती थीं जसप्रीत की मां
जसप्रीत बुमराह की बुआ रजिंदर सिंह ने बताया कि उनकी भाभी दलजीत कौर एक स्कूल में आचार्य हैं। पिता के साथ वह उनसे मिलने स्कूल भी गई थीं, लेकिन उन्होंने मिलने से इन्कार कर दिया। उनके भाई व जसप्रीत के पिता जसवीर सिंह का वर्ष 2000 में निधन हो गया था। तब जसप्रीत महज सात साल के थे। इसके बाद उनकी भाभी दलजीत कौर ने परिवार से रिश्ता तोड़ लिया था। इतना ही नहीं उनसे और उनके बच्चे से मिलने की कोशिश करने पर पुलिस केस करने की धमकी भी दी थी। इसके बाद वर्ष 2006 में उनके पिता संतोख सिंह परिवार सहित अहमदाबाद छोड़कर उत्तराखंड चले गए थे। हालांकि वह बार-बार जसप्रीत से मिलने के लिए अहमदाबाद आते थे। परंतु उनकी भाभी दलजीत कौर ने उन्हें कभी मिलने नहीं दिया। जसप्रीत की बहन जुहीका की शादी में भी उनके पिता को नहीं बुलाया था।
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