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आइएएस और आइपीएस की तैनाती के लिए जम्मू कश्मीर व लद्दाख को माना जाएगा कठिन क्षेत्र

केंद्र सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख को आइएएस और आइपीएस अधिकारियों की तैनाती के लिए संयुक्त अरुणाचल प्रदेश गोवा मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के तहत कठिन क्षेत्र की श्रेणी में रखा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 07:41 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 07:41 PM (IST)
आइएएस और आइपीएस की तैनाती के लिए जम्मू कश्मीर व लद्दाख को माना जाएगा कठिन क्षेत्र
गृह मंत्रालय की फाइल फोटो, जिसने एजीएमयूटी कैडर की गाइडलाइन में संशोधन किया।

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख को आइएएस और आइपीएस अधिकारियों की तैनाती के लिए संयुक्त अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के तहत कठिन क्षेत्र की श्रेणी में रखा है। केंद्र सरकार ने संयुक्त एजीएमयूटी कैडर- 2016 में संशोधन करते हुए इस कैडर के आइएएस, आइपीएस अधिकारियों की तैनाती और स्थानांतरण के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख के तौर पर पुनर्गठित किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर कैडर का एजीएमयूटी कैडर में विलय कर दिया गया है।

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दोनों केंद्रशासित प्रदेशों को एजीएमयूटी कैडर के तहत रखा गया

गृह मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त एजीएमयूटी संवर्ग-2016 के आइएएस, आइपीएस अधिकारियों के स्थानांतरण, पदस्थापन के दिशानिर्देशों को संशोधित कर एजीएमयूटी संवर्ग के खंड को दो श्रेणियों नियमित और कठिन क्षेत्र में वर्गीकृत किया गया है, दिल्ली, चंडीगढ़, गोवा, पुडुचेरी, दादरा नगर हवेली और दमन और दीव में तैनाती को नियमित क्षेत्र या श्रेणी ए माना जाएगा, जबकि अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में तैनाती को कठिन क्षेत्र या श्रेणी बी के रूप में माना जाएगा। गौरतलब है कि भौगोलिक और संवेदनशीलता के तहत किए गए वर्गीकरण के अंतर्गत कठिन क्षेत्र में तैनाती होने पर विशेष प्रोत्साहन मिलता है।

आइएएस कैडर के नियमों में संशोधन पर ममता ने पीएम मोदी को जताया विरोध

आइएएस कैडर रूल में संशोधन के फैसले के खिलाफ गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक और पत्र लिख कर विरोध जताया है। साथ ही संसोधन का निर्णय तत्काल वापस लेने की मांग की है। ममता ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को दो पन्नों का पत्र गुरुवार भेजा। जिसमें उन्होंने लिखा है कि केंद्र सरकार द्वारा आइएएस कैडर रूल में बदलाव को लेकर जो रुख अपनाया है, उस पर मैं कड़ी आपत्ति दर्ज कराती हूं।

यह नियम एकतरफा तौर पर अनिवार्य रूप से राज्यों को निश्चित संख्या में आइएएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध कराना होगा। आइएएस कैडर के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव के साथ केंद्र ने राज्यों से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए अधिकारियों की सूची भेजने को कहा है।

ममता ने इसके पहले बीते सप्ताह पीएम मोदी को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी। बता दें कि केंद्र सरकार ने आइएएस (कैडर) नियम, 1954 में संशोधन करने जा रही है। संशोधन के प्रस्ताव को लेकर हाल ही में राज्य सरकारों से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आइएएस अफसरों की सूची भेजने को कहा गया है, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार यह संशोधन 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र में पेश करने पर विचार कर रही है। केंद्र ने इसके लिए 25 जनवरी से पहले राज्यों से जवाब मांगा है।

ममता ने कहा है कि आइएएस कैडर नियमों में बदलाव अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने के लिए राज्यों को बाध्य करेगा। इससे राज्यों में प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र का आइएएस कैडर नियम, 1954 में प्रस्तावित संशोधन सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है और केंद्र और राज्यों के बीच लंबे समय से बने सामंजस्यपूर्ण समझौते को बिगाड़ देगी।


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