जीएसटी का एक साल पूरा होने पर जेटली ने कहा- भारत में जीएसटी का क्रियान्वयन अभूतपूर्व
वित्त सचिव हसमुख अढिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को लागू करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखायी थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पहले साल में जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर उठते रहे सवालों के बीच केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आशा जताई है कि आने वाले समय में यह समाज में और बेहतर योगदान करेगा। खजाने की स्थिति बेहतर होने पर उन्होंने जीएसटी की दरों को और तर्कसंगत बनाने का भी संकेत दिया।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को जीएसटी दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। एम्स में किडनी ट्रांस्प्लांट के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे जेटली का यह पहला सार्वजनिक संबोधन था।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा, राजस्व की स्थिति बेहतर होने पर तर्कसंगत बनेंगी जीएसटी दरें
जेटली ने कहा कि जिन देशों में भी जीएसटी लागू हुआ है वहां यह सुधार व्यवधानकारी साबित हुआ है। भारत में भी जब जीएसटी लागू हुआ तो उन्हें भी ऐसा लगा कि शायद यहां भी इससे व्यवधान आए क्योंकि इसके साथ सामंजस्य बिठाने में वक्त लगता है, लेकिन बीते एक साल के अनुभव के बाद अब वह जीएसटी जैसे सुधार के लिए व्यवधानकारी शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते। भारत में जिस सुचारु ढंग से जीएसटी लागू हुआ है, वह दुनिया में अभूतपूर्व है।
जेटली ने कहा कि जीएसटी का दीर्घकालिक असर देश के जीडीपी की वृद्धि, ईज ऑफ डूइंग, व्यापार और उद्योग में वृद्धि तथा सरकार के मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों पर पड़ेगा। साथ ही इससे ईमानदार कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू हुआ था। जीएसटी के लागू होने से देश में 17 प्रकार के परोक्ष कर और कई सेस खत्म हो गए हैं। जेटली ने आने वाले दिनों में जीएसटी की दरों में राहत का संकेत देते हुए कहा कि जैसे-जैसे कर संग्रह बढ़ता है, वैसे-वैसे स्लैब को तर्कसंगत बनाने और दरों को तर्कसंगत बनाने की क्षमता भी बढ़ती जाएगी। जेटली ने कहा कि जब कर व्यवस्था सक्षम होगी तो कर चोरी की गुंजाइश भी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ई-वे बिल लागू किया जा चुका है और इन्वॉयस मैचिंग शुरु होने के बाद कर चोरी रोकना और कर चोरी को पकड़ना भी आसान हो जाएगा।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने की कंपोजीशन स्कीम के लिए साल में सिर्फ एक रिटर्न रखने की वकालत
इस मौके पर वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने वित्त सचिव हसमुख अढिया को कंपोजीशन स्कीम लेने वाले व्यापारियों के लिए हर तिमाही रिटर्न दाखिल करने की जरूरत को खत्म कर साल में सिर्फ एक बार रिटर्न दाखिल करने का नियम बनाने की संभावनाएं तलाशने को कहा। गोयल ने कहा कि छोटे व्यापारी भरतीय अर्थव्यवस्था की रीड़ हैं और सरकार उनकी सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्हें अगर कोई परेशानी हो तो वे सीधे वित्त मंत्री को पत्र लिख सकते हैं।
अढिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को लागू करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखायी थी। इसी का परिणाम है कि इसे रिकार्ड समय में लागू किया जा सका। उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक नेतृत्व से स्पष्ट निर्देश आते हैं तो अधिकारी भी अपना पूरा योगदान करते हैं।
जीएसटी दिवस के आयोजन में उद्योग संगठनों, सरकारी अधिकारियों और कर पेशेवरों ने भी भाग लिया।