हिंद प्रशांत पर ईयू की बैठक में भारत को बुलावा, फ्रांस के विदेश मंत्री ने जयशंकर के साथ बैठक के दौरान दी जानकारी
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत व फ्रांस आतंकवाद अफगानिस्तान समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय मुद्दों व हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर समान विचारधारा रखते हैं। यूरोपीय संघ के साथ भारत का रिश्ता लगातार मजबूत हो रहा है लेकिन फ्रांस हमारा सबसे मजबूत साझेदार है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर यूरोपीय संघ (ईयू) के देश अब पुरानी झिझक छोड़ कर मुखर होने लगे हैं और यह भी मानने लगे हैं कि इस क्षेत्र में भारत का साथ उनके लिए बहुत जरूरी है। इसी क्रम में यूरोपीय संघ ने हिंद प्रशांत क्षेत्र पर अपने सभी सदस्य देशों की मंत्रिस्तरीय बैठक 22 फरवरी, 2022 को बुलाई है। इसमें हिस्सा लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को खास तौर पर आमंत्रित किया गया है। यह जानकारी फ्रांस के विदेश मंत्री जीन यस ले द्रां ने विदेश मंत्री जयशंकर के साथ आयोजित एक वर्चुअल बैठक के दौरान दी। ईयू की मंत्रिस्तरीय बैठक भारत और यूरोपीय संघ के बीच हिंद प्रशांत क्षेत्र में भावी साझेदारी का एक तरह से रोडमैप भी दे सकती है।
फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत व फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी सिर्फ सुरक्षा के मुद्दे तक ही सीमित नहीं रहने वाली है। इसके दूसरे आयाम भी लगातार खुलते जा रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और कारोबार क्षेत्र में दोनों देशों के बीच लगातार संपर्क बढ़ रहा है। हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर बुलाई गई मंत्रिस्तरीय बैठक के बारे में उन्होंने कहा कि यह बता रहा है कि यूरोपीय संघ इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता व अंतरराष्ट्रीय कानून मानने को लेकर काफी गंभीर है। भारत के साथ सहयोग इस क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण होगा। सनद रहे कि कुछ दिन पहले ही जर्मनी की नौसेना के पूर्व वाइस एडमिरल ने अपनी भारत यात्रा के दौरान हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत की अहमियत व चीन के आक्रामक रवैये के बारे में खुलकर बात की थी। यूरोपीय संघ के देशों के रुख में यह बदलाव हाल ही में आया है।
यूरोपीय संघ के साथ भारत का रिश्ता लगातार हो रहा मजबूत: जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत व फ्रांस आतंकवाद, अफगानिस्तान समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय मुद्दों व हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर समान विचारधारा रखते हैं। यूरोपीय संघ के साथ भारत का रिश्ता लगातार मजबूत हो रहा है, लेकिन फ्रांस हमारा सबसे मजबूत साझेदार है। यूरोपीय संघ की तरफ से हिंद प्रशांत क्षेत्र को ज्यादा महत्व देने का उन्होंने स्वागत किया और आगामी बैठक में हिस्सा लेने की हामी भरी। बताते चलें कि इस वर्ष के लिए यूरोपीय संघ की अध्यक्षता फ्रांस के पास है।