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जैन मुनि तरुण सागर की हालत गंभीर, खाना-पीना छोड़ा; ले रहे हैं संथारा

ख्यातिप्राप्त जैन मुनि तरुण सागर की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों ने जब हाथ खड़े कर दिये तो अब संथारा लेने का लिया फैसला, खाना-पीना छोड़ा।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 09:55 AM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 10:18 AM (IST)
जैन मुनि तरुण सागर की हालत गंभीर, खाना-पीना छोड़ा; ले रहे हैं संथारा
जैन मुनि तरुण सागर की हालत गंभीर, खाना-पीना छोड़ा; ले रहे हैं संथारा

नई दिल्ली (जेएनएन)। ख्यातिप्राप्त जैन मुनि तरुण सागर की हालत गंभीर बनी हुई है। उनपर अब दवाओं का असर होना भी बंद हो गया है। जिसके बाद अब उन्होंने आहार लेना भी त्याग दिया है। दरअसल, 20 दिन पहले उन्हें पीलिया हुआ था, जिसके बाद उन्हें मैक्स अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि जैन मुनि ने इलाज कराने से भी इन्कार कर दिया है और कृष्णा नगर (दिल्ली) स्थित राधापुरी जैन मंदिर चातुर्मास स्थल पर जाने का निर्णय लिया है।

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संथारा लेने का फैसला

बताया जा रहा है कि बीमारी से लड़ रहे जैन मुनि ने संथारा लेने का फैसला कर लिया है। वे अपने गुरु पुष्पदंत सागर महाराज की स्वीकृति के बाद संथारा ले रहे हैं। इस बीच पुष्पदंत सागर महाराज ने एक वीडियो जारी कर बताया है कि तरुण सागर की हालत गंभीर बनी गई है। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र भी लिखा है। जिसमें मुनि सौरभ सागर और अरुण सागर से दिल्ली पहुंचकर तरुण सागर की समाधि में सहयोग करने के लिए कहा गया है। वहीं, दिल्ली के आसपास के इलाकों में मौजूद संत सौरभ सागर, अनुमान सागर, शिवानंद, प्रश्मानंद और सौभाग्य सागर तरुण सागर से मिलने पहुंच रहे हैं।

कड़वे वचन के लिए प्रसिद्ध हैं तरुण सागर

जैन मुनि तरुण सागर अपने कड़वे प्रवचनों के लिए काफी प्रसिद्ध हैं। यहीं कारण है कि उन्हें क्रांतिकारी संत भी कहा जाता है। उनकी 'कड़वे प्रवचन' नाम की पुस्तक भी काफी लोकप्रिय है।

कई विधानसभाओं में दिये प्रवचन

जैन मुनि देश की कई विधानसभाओं में अपने प्रवचन दे चुके हैं। हालांकि उनके कड़वे बोल के कारण कई बार उनकी कहीं बातों से विवाद भी खड़ा हो चुका है। दिल्ली के अलावा मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी उन्होंने प्रवचन दिये। हालांकि हरियाणा विधानसभा में उनके प्रवचन पर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद संगीतकार विशाल डडलानी के एक ट्वीट ने काफी बवाल खड़ा कर दिया था। मामला बढ़ता देख विशाल को माफी भी मांगनी पड़ गई थी। इस विवाद के बाद आम आदमी पार्टी से जुड़े संगीतकार डडलानी ने राजनीति से अपने आप को अलग कर लिया था।

दरअसल, तरुण सागर को हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने न्‍योता दिया था। उनके इस न्‍योते को स्वीकार कर सागर ने 26 अगस्त, 2016 को हरियाणा विधानसभा को संबोधित किया था। अपनी परंपरा के मुताबिक, तरुण सागर इस मौके पर भी बिना कपड़ों के ही थे। इसी पर डडलानी ने ट्वीट किया था। वहीं, मध्यप्रदेश में तो राज्य सरकार ने 6 फरवरी, 2002 को उन्हें राजकीय अतिथि का दर्जा भी दिया था।

असली नाम और कब ली दीक्षा?

  • जैन मुनि तरुण सागर का असली नाम पवन कुमार जैन है।
  • उनका जन्‍म दमोह (मध्यप्रदेश) के गांव गुहजी में 26 जून, 1967 को हुआ।
  • उनकी मां का नाम शांतिबाई और पिता का नाम प्रताप चंद्र था।
  • तरुण सागर ने आठ मार्च, 1981 को घर छोड़ दिया।
  • इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ में दीक्षा ली।

समझिए, आखिर है क्या ये संथारा/संल्लेखना ?

जैन धर्म के अनुसार, मृत्यु को नजदीक देखकर कुछ व्यक्ति खाना-पीना समेत सब कुछ त्याग देते हैं। जैन शास्त्रों में इस तरह की मृत्यु को संथारा या संल्लेखना (मृत्यु तक उपवास) कहा जाता है। इसे जीवन की अंतिम साधना भी माना जाता है।

संथारा आत्महत्या के प्रयास जैसा : कोर्ट

हालांकि जैन धर्म की संथारा प्रथा पर कई बार सवाल भी उठ चुके हैं। 2015 में राजस्थान हाईकोर्ट ने इसे आत्महत्या जैसा बताया था। कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता 306 और 309 के तहत इसे दंडनीय बताया। हालांकि दिगंबर जैन परिषद ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

12 साल तक चलती है संथारा की प्रक्रिया

संथारा को जैन समाज अपनी आस्था के रूप में मानता है। दिल्ली स्थित लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत विद्यापीठ के प्रोफेसर वीर सागर जैन ने बताया कि संथारा की प्रक्रिया 12 साल तक चलती है। यह जैन समाज की आस्था का विषय है, जिसे मोक्ष पाने का रास्ता माना जाता है।

तरुण सागर के कड़वे बोल, जिसने खड़ा किया विवाद

1. पाक में जितने आतंकी नहीं, उतरे भारत में गद्दार
जैन मुनि तरुण सागर ने कहा था कि पाकिस्तान में जितने आतंकवादी नहीं है, उससे ज्यादा हमारे देश में गद्दार है। उन्होंने कहा था जो देश में रहता है, देश का खाता है और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाता हो वो गद्दार नहीं तो और क्या है। आतंकी शेर की तरह सामने से वार नहीं करता, वह तो भेड़िये की तरह पीछे से हमला करता है।

2. बढ़ रही है भारत विरोधी मुस्लिमों की आबादी
जैन मुनि तरुण सागर कई बार मुसलमानों की आबादी पर रोक लगाने को लेकर भी बोलते दिखे हैं। उन्होंने कहा था, ऐसा नहीं होने पर स्थिति विस्फोटक हो जाएगी। उन्होंने कहा, 'कुछ मुसलमान हैं जो भारत विरोधी हैं, जो भारत के टुकड़े करना चाहते हैं और दिल से पाकिस्तान के साथ हैं। ऐसे मुसलमानों की आबादी लगातार बढ़ रही है।' इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कह दिया था कि भारत विरोधी मुसलमानों की आबादी बढ़ने से देश में गंभीर संकट पैदा हो जाएगा और हिंदू असुरक्षित हो जाएंगे।

3. लव-जिहाद मुसलमानों की एक साजिश
आए दिन लव-जिहाद को लेकर खड़े होते विवाद के बीच जैन मुनि तरुण सागर ने इसे मुसलमानों की साजिश करार दिया था। उनका कहना है कि इसमें झूठे प्यार के नाम पर हिंदू लड़कियों को मुसलमान बनाया जा रहा है। लव जिहाद को नहीं रोका गया कुछ दिनों में दूसरा पाकिस्तान बनते हुए देखेंगे।

4. हिंदू संकट में, जनसंख्या पर कानून लागू हो
मुसलमानों की बढ़ती आबादी को लेकर जैन मुनि तरुण सागर ने राजनीतिक दलों को भी निशाने पर लिया। उन्होंने इसके लिए तुष्टिकरण की राजनीति को जिम्मेदार माना। उन्होंने कहा कि यहीं कारण है कि देश में दो बच्चे पैदा करने को लेकर कानून नहीं बनाया गया। इसको लेकर उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा था कि देश में जहां-जहां भी मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है, वहां जनसंख्या पर कानून लागू हो। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू संकट में पड़ते जा रहे हैं।
 


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